
दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता। (Photo : @gupta_rekha)
Delhi News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार को लेकर रेखा सरकार ने कड़ा नियम लागू किया है। इसके तहत दिल्ली की ऊंची इमारतों पर एंटी स्मॉग गन लगाना जरूरी कर दिया गया है। यह समूचे देश में पहला मौका है। जब किसी शहर ने वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए ऊंची इमारतों पर एंटी स्मॉग गन लगाने को कानूनी रूप से शामिल किया है। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा “यह हमारे बच्चों की शुद्ध सांसों के लिए उठाया गया ऐतिहासिक कदम है। भाजपा सरकार में अब बहानों की कोई जगह नहीं है।”
पर्यावरण विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है। इसके अनुसार अब राष्ट्रीय राजधानी में 3,000 वर्ग मीटर से अधिक निर्मित क्षेत्र वाले कॉम्प्लेक्स, मॉल, होटल, संस्थागत और कार्यालय भवनों एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य है। यह आदेश उन भवनों पर लागू होगा। जो ग्राउंड फ्लोर को मिलाकर पांच मंजिला (G+5) या उससे अधिक ऊंचाई वाले हैं। सरकार के आदेशानुसार इस नियम में आवासीय, समूह आवास समितियों और व्यक्तिगत आवासीय भवनों को ही छूट दी गई है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने यह निर्देश पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 5 के अंतर्गत जारी किया। आदेश में कहा गया है कि संबंधित इमारतों को आगामी छह महीने के भीतर एंटी-स्मॉग गन लगानी होंगी और मानसून को छोड़कर पूरे साल इनका उपयोग अनिवार्य होगा। मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा "दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण अब केवल मौसमी सलाह नहीं रहेगा। हम पहली बार कानूनी स्पष्टता के साथ प्रदूषण नियंत्रण के लिए काम कर रहे हैं। ताकि शहरी संरचना में प्रदूषण नियंत्रण के उपाय समाहित किए जा सकें। यह जवाबदेही का समय है। अब हम आधे-अधूरे उपायों को बर्दाश्त नहीं करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि प्रदूषण नियंत्रण केवल कागजी नीतियों तक सीमित न रहकर शहरी बुनियादी ढांचे में समाहित हो।"
दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यह कदम हर साल अक्टूबर से जनवरी के दौरान देखी गई वायु गुणवत्ता में खतरनाक गिरावट को देखते हुए उठाया गया है। शहर ने लंबे समय तक 'बहुत खराब' से लेकर 'गंभीर' वायु गुणवत्ता को झेला। दिल्ली की वायु में PM2.5 और PM10 की मात्रा अक्टूबर से जनवरी के बीच बढ़ जाती है। इसलिए रेखा सरकार ने वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के तहत यह कदम उठाया है। शुक्रवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने यह आदेश जारी किए।
आदेश में स्मॉग गन की स्थापना के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि 10,000 वर्ग मीटर से कम क्षेत्र के भवनों के लिए तीन एंटी स्मॉग गन लगाना जरूरी है। इसके अलावा अतिरिक्त 5,000 वर्ग मीटर पर एक अतिरिक्त गन लगानी आवश्यक होगी। ये गन स्थायी ब्रैकेट पर परापेट वॉल पर लगाई जाएंगी। जिनकी क्षैतिज थ्रो क्षमता 75-100 मीटर और मिस्ट ड्रॉपलेट्स 5-20 माइक्रॉन होने चाहिए। संचालन अधिकतम 1,200 लीटर प्रति घंटा या 8 घंटे में 10,000 लीटर से अधिक नहीं होगा। गन को दिन में तीन बार (सुबह 6:30–9:30 बजे, शाम 5:30–8:30 बजे, रात को 1:30–4:30 बजे) तेज गति से चलाना होगा। ताकि पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे कणों को प्रभावी ढंग से दबाया जा सके।
इस अभियान को लागू करने की जिम्मेदारी एमसीडी, डीडीए, पीडब्ल्यूडी, सीपीडब्ल्यूडी, एनबीसीसी, डीएसआईआईडीसी, डीयूएसआईबी और अन्य निर्माण स्वीकृति तथा भूमि स्वामित्व वाली एजेंसियों को सौंपी गई है। इसके साथ ही आवासीय भवनों, ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों और व्यक्तिगत मकानों को इसमें छूट दी गई है। एंटी-स्मॉग गन की तैनाती 6 महीने के भीतर करनी होगी और 15 जून से 1 अक्तूबर (मानसून अवधि) को छोड़कर सालभर इन्हें चलाना अनिवार्य होगा। दिल्ली में वायु प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में यह कदम एक निर्णायक प्रयास माना जा रहा है।
Updated on:
31 May 2025 02:40 pm
Published on:
31 May 2025 10:56 am
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