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बारह महीने, पांचों साल चुनाव देश की प्रगति में बाधा: शिवराज सिंह चौहान

नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में जल्द ही भारत अपनी आंखों के सामने विश्व गुरू बनेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। हमेशा होने वाले चुनाव भारत की प्रगति और विकास में एक बाधा है। भारत में पांचों साल, बारह महीने […]

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नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में जल्द ही भारत अपनी आंखों के सामने विश्व गुरू बनेगा, इसमें कोई संदेह नहीं है। हमेशा होने वाले चुनाव भारत की प्रगति और विकास में एक बाधा है। भारत में पांचों साल, बारह महीने चुनाव की तैयारी चलती रहती है। लोकसभा चुनाव से निपटे तो विधानसभा चुनाव आ गए। हरियाणा, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, झारखंड से निपटे तो अब दिल्ली के लिए ताल ठोक रहे हैं। फिर बिहार के चुनाव होंगे। पांच साल सारे राजनैतिक दल केवल चुनाव की तैयारियों में ही जुटे रहते हैं, जिससे जनकल्याणकारी काम और विकास के काम पीछे रह जाते हैं।

चौहान ने यह बातें बुधवार को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में कही। उन्होंने कहा कि हमेशा होने वाले चुनाव में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक और अधिकारी-कर्मचारियों का समय नष्ट होता है और विकास के काम ठप हो जाते हैं। इसलिए संविधान में संशोधन कर 5 साल में एक बार सभी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव होने चाहिए। इसके लिए हमें जनजागरण करना चाहिए। शिवराज सिंह ने कहा कि आज जो कुछ भी बेहतर कर रहे हैं, उसके पीछे केवल श्रीमद् भगवत गीता जी का आशीर्वाद है।

जय जवान, जय किसान और जय अनुसंधान

चौहान ने हरियाणा के करनाल में आईसीएआर- डेयरी अनुसंधान संस्थान में वैज्ञानिकों, किसानों और लखपति दीदीयों से संवाद किया। इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया। अटल बिहारी वाजपेई ने जय जवान, जय किसान के साथ जय विज्ञान जोड़ा, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान कहा। ये अनुसंधान बेहद ही जरूरी है।

किसान कल्याण सर्वोच्च प्राथमिकता

चौहान ने कहा कि किसानों का उत्पादन बढ़े, उत्पादन की लागत घटे और उन्हें उत्पादन का ठीक दाम मिले। हरियाणा की सरकार ने 23 फसलों पर एमएसपी देने का फैसला कर अच्छा काम किया है। बिना एमएसपी के कोई फसल नहीं रहेगी और ये तो धान का कटोरा है, यहां का धान तो अरब देशों तक जा रहा है।