
दिल्ली में एनसीआर की 12 लाख गाड़ियों पर लगेगा बैन
Rekha Gupta Government: दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए रेखा गुप्ता सरकार लगातार सख्ती दिखा रही है। राजधानी दिल्लीमें प्रदूषण कम करने के लिए नए-नए नियम भी लागू किए जा रहे हैं। अब नए नियम के मुताबिक यूपी और हरियाणा से दिल्ली आने वाली लगभग 12 लाख गाड़ियों पर आज यानी 18 दिसंबर से बैन लग गया। इनमें से सबसे ज्यादा एनसीआर की गाड़ियां हैं, जो रोज काम-काज या किसी न किसी वजह से दिल्ली आती-जाती हैं। वहीं, केवल बीएस-6 गाड़ियों को ही राजधानी में प्रवेश करने की इजाजत दी जाएगी। इसके साथ ही सरकार की तरफ से सख्त हिदायत दी गई है कि अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके वाहन को सीज भी किया जा सकता है।
रेखा गुप्ता सरकार के इस नए नियम के बाद अनुमानित आंकड़े सामने आए हैं, जिसके अनुसार नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद में लगभग 12 लाख लोगों के पास निजी वाहन हैं, जिनका उपयोग दिल्ली आने-जाने के लिए किया जाता है। इसके अलावा, एनसीआर क्षेत्र में आने वाले मेरठ, बागपत, सहारनपुर, नूंह, मेवात जैसे जिलों से हर दिन हजारों की संख्या में गाड़ियां दिल्ली में प्रवेश करती हैं। दिल्ली सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि गुरुग्राम के 2 लाख, नोएडा के 4 लाख और गाजियाबाद के 5.5 लाख वाहनों के राजधानी में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक गुरुग्राम में करीब 2 लाख निजी वाहन ऐसे हैं, जो बीएस-6 की श्रेणी में नहीं आते। इनमें से 1.5 लाख बीएस-III पेट्रोल कार और 36 हजार से अधिक बीएस-IV डीजल कारें हैं। इसके अलावा शहर में करीब 47 हजार बीएस-IV डीजल कमर्शियल वाहन हैं और 2 हजार से अधिक बीएस-III पेट्रोल वाहन हैं। यहां 2000 से अधिक बसें भी बीएस-III और बीएस-IV हैं। मिलेनियम सिटी में 90 हजार से अधिक ऐसे वाहन हैं, जो 10 से ज्यादा पुराने हो चुके हैं।
राष्ट्रीय राजधानी में कड़े नियम लागू होने के बाद जो आंकड़े सामने आए हैं, उनके मुताबिक नोएडा में 4 लाख ऐसे वाहन हैं, जो रेखा सरकार के फैसले से प्रभावित होने वाले हैं। दरअसल, नोएडा में 1.4 लाख बीएस-III गाड़ियां हैं, जिनमें 96,210 पेट्रोल और 41 हजार से अधिक डीजल चालित हैं। यहां करीब 2.8 लाख वाहन बीएस-IV स्टैंडर्ड की हैं। नोएडा में केवल 4.2 लाख ऐसे वाहन हैं, जो बीएस-VI स्टैंडर्ड के हैं और अगले आदेश तक इन्हें ही दिल्ली में जाने की इजाजत होगी। वहीं, मंगलवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि इस नियम का अगर कोई उल्लंघन करता है तो वह केवल जुर्माना देकर नहीं छूटेगा, बल्कि उसके वाहन को सीज कर दिया जाएगा।
दिल्ली में ग्रैप-4 लागू है और उसका सख्ती से पालन कराया जा रहा है। इसी बीच रेखा सरकार का एक और कदम सामने आया है जो मजदूरों के हक में है। दरअसल, कपिल मिश्रा ने राजधानी में प्रदूषण संकट को लेकर कहा कि दिल्ली में 16 दिन के लिए ग्रैप-3 लागू किया गया, फिर प्रदूषण में कमी नहीं आई तो ग्रैप-4 लागू किया गया। जिसकी वजह से लंबे समय से दिल्ली में निर्माण कार्य बंद था और मजदूर घर पर ही थे। श्रम विभाग ने फैसला किया है कि सभी रजिस्टर्ड निर्माण मजदूरों के खातों में 10 हजार रुपये भेजे जाएंगे। जब ग्रैप-4 समाप्त होगा तो उसके दिन भी गिने जाएंगे और उनका मुआवजा भी अलग से उनके खातों में भेजा जाएगा।
गौरतलब है कि लगभग दिवाली के बाद से दिल्ली की हालत नासाज बनी हुई है। भयंकर प्रदूषण की वजह से अभी भी लोगों का सांस लेना दूभर है। इसलिए श्रम मंत्रालय की तरफ से सख्त निर्देश दिया गया है कि 18 दिसंबर से सरकारी और निजी कार्यालयों में अधिकतम 50 प्रतिशत ही कर्मचारी काम करने के लिए दफ्तर जाएंगे। बाकी कर्मचारियों को घर से ही काम करना होगा। वहीं, अस्पताल, फायर सर्विस, जेल प्रशासन, सार्वजनिक परिवहन, बिजली-पानी आपूर्ति, सैनिटेशन, आपदा प्रबंधन, म्यूनिसिपल सेवाएं और वन विभाग को इस नियम से छूट दी गई है।
Updated on:
17 Dec 2025 05:07 pm
Published on:
17 Dec 2025 04:45 pm
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