
दिल्ली पुलिस (Photo: IANS)
राजधानी दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। राजधानी की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली दिल्ली पुलिस में लंबे समय से हजारों पद खाली पड़े हैं। केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी है कि दिल्ली पुलिस में वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर निचले स्तर तक कुल 9,248 पद रिक्त हैं। यह आंकड़ा 30 नवंबर 2025 तक की स्थिति के अनुसार है। यह जानकारी गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।
सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली पुलिस में इस समय 92,044 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं, जबकि स्वीकृत पदों की संख्या इससे कहीं अधिक है। रिक्तियों की स्थिति कांस्टेबल स्तर से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक बनी हुई है। मंत्री ने बताया कि ये रिक्तियां सेवानिवृत्ति, पदोन्नति, इस्तीफा और अन्य प्रशासनिक कारणों से उत्पन्न होती हैं, जिन्हें भरने की प्रक्रिया लगातार जारी रहती है।
संसद में दिए गए जवाब के मुताबिक, दिल्ली पुलिस में डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (DCP) और अतिरिक्त DCP के कुल 60 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 13 पद फिलहाल खाली हैं। वहीं, एडिशनल DCP (जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड) के 54 पदों में से 15 पद रिक्त हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (ACP) के 346 स्वीकृत पदों में से 125 पद खाली पड़े हैं। इसके अलावा, इंस्पेक्टर रैंक के 1,453 पदों में से 108 पद अब तक भरे नहीं जा सके हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्थिति का सीधा असर फील्ड स्तर की पुलिसिंग और आम नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ता है।
मध्य और निचले स्तर पर भी रिक्तियों की संख्या काफी अधिक है। सब-इंस्पेक्टर (SI) के 8,087 स्वीकृत पदों में से 1,039 पद खाली हैं। इसी तरह, असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) के 7,320 पदों में से 300 पद रिक्त हैं। सबसे ज्यादा असर हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल स्तर पर देखने को मिला है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, हेड कांस्टेबल के 23,724 स्वीकृत पदों में से 3,057 पद खाली हैं, जबकि कांस्टेबल के 50,946 स्वीकृत पदों में से 4,591 पद अभी तक भरे नहीं गए हैं।
गृह राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि दिल्ली पुलिस में भर्ती एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। रिक्त पदों की जानकारी समय-समय पर भर्ती एजेंसियों को भेजी जाती है। भर्ती प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षण और मेडिकल जांच जैसे चरण शामिल होते हैं, जिसके बाद ही नियुक्तियां की जाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रिक्तियों की संख्या स्थिर नहीं रहती, बल्कि समय के साथ इसमें बदलाव होता रहता है।
यह जानकारी तृणमूल कांग्रेस के सांसद प्रकाश चिक बराइक द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में दी गई। सांसद ने दिल्ली पुलिस में स्वीकृत पदों और कार्यरत कर्मियों की वास्तविक स्थिति को लेकर सरकार से सवाल किया था, जिसके जवाब में यह विस्तृत विवरण पेश किया गया।
देश की राजधानी होने के कारण दिल्ली में कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी बेहद अहम मानी जाती है। ऐसे में हजारों पदों का खाली होना कई गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। हालांकि सरकार ने बताया कि रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है और आने वाले समय में भर्ती के जरिए इस कमी को दूर किया जाएगा।
Published on:
17 Dec 2025 08:36 pm
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