
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ विभिन्न विभागों व एजेंसियों के विशेषज्ञों ने रियल टाइम अपोरशनमेंट स्टडी पर चर्चा के लिए आयोजित की गई राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया।
राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में दिल्ली सरकार के विभाग - दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC), पर्यावरण विभाग, एमसीडी, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI), यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम (UNEP), वर्ल्ड बैंक, मौसम विभाग, दिल्ली रिसर्च इंप्लीमेंटेशन एंड इनोवेशन (DRIIV), सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) के साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी और प्रतिनिधि भी शामिल हुए। कॉन्फ्रेंस में रियल टाइम सोर्स अपोरशनमेंट स्टडी के अबतक के डाटा पर चर्चा की गई। वहीं, कॉन्फ्रेंस के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेसवार्ता करते हुए कहा कि विभिन्न विभागों और संस्थाओं के अधिकारी और प्रतिनिधि द्वारा कॉन्फ्रेंस में दिए सुझावों पर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा। साथ ही दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट में प्रदूषण के वास्तविक स्रोतों का पता लगाने के लिए एक-एक हफ्ते के लिए मोबाइल वैन लगाने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे इन 13 हॉटस्पॉट पर प्रदूषण बढ़ाने वाले कारको की घंटेवार तरीके से जानकारी प्राप्त कर, उस पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
'स्टडी से प्रदूषण बढ़ने के बाद, नियंत्रण के लिए फैसले लेने में मिल रही है सहायता'
वहीं, पर्यावरण मंत्री ने रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट स्टडी के बारे में अधिक जानकारी देते हुए बताया कि पहले वायु प्रदूषण बढ़ाने के कारकों को पता लगाने की प्रक्रिया काफी लंबी अवधि और लेबर इंटेंसिव होती थी। वहीं अब रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी के कारण वायु गुणवत्ता की दैनिक, साप्ताहिक, मासिक और मौसमी विश्लेषण प्राप्त कर सकते हैं। इससे वायु प्रदूषण बढ़ने के समय पर उसके नियंत्रण के लिए सरकार को जल्द निर्णय लेने में भी सहायता मिल रही है।
'प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों की जानकारी लेकर, की जाएगी कार्रवाई'
वहीं, पर्यावरण मंत्री ने बताया कि रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट स्टडी की सुपरसाइट से प्रदूषण के सही समय और कारको की जानकारी मिलनी शुरू हुई है। इस सुपरसाइट के कारण हमारी सरकार को दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ाने में योगदान देने वाले पीएम 2.5, एनओ2 (नाइट्रोजन डाईऑक्साइड), एनओ एक्स (नाइट्रोजन ऑक्साइड), सीओ (कार्बन मोनोऑक्साइड), एसओ2 (सलफर डाइऑक्साइड), ओजोन, सेकेंडरी इनऑर्गेनिक एंड आर्गेनिक ऐरोसोल्स आदि की निगरानी करना काफी आसान हो गया है। साथ ही मोबाइल एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन (मोबाइल वैन ) को अब दिल्ली के 13 हॉटस्पॉट पर वास्तविक समय में प्रदूषण के स्रोतों का पता लगाने के लिए वहां एक एक हफ्ते के लिए स्थापित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिससे इन 13 हॉटस्पॉट पर प्रदूषण बढ़ाने वाले कारको की घंटेवार तरीके से जानकारी प्राप्त कर, उस पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।
Published on:
15 May 2023 10:00 pm
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