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फरीदाबाद जेल में बड़ी लापरवाही; नाम का फायदा उठाकर दूसरे की जगह रिहा खतरनाक कैदी फरार

Faridabad: हरियाणा के फरीदाबाद जिले की नीमका जेल में भारी लापरवाही सामने आई है। यहां एक ही नाम के चक्कर में जेल प्रशासन ने दूसरे की जगह खतरनाक कैदी को रिहा कर दिया। जो जेल से बाहर निकलते ही फरार हो गया।

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Faridabad: फरीदाबाद जेल में बड़ी लापरवाही; नाम का फायदा उठाकर दूसरे की जगह रिहा खतरनाक कैदी फरार

फरीदाबाद जेल में नाम का फायदा उठाकर दूसरे की जगह खतरनाक कैदी रिहा हो गया। (फोटोः AI)

Faridabad: हरियाणा के फरीदाबाद जिले की नीमका जेल में बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां जेल प्रशासन ने मिलते-जुलते नाम के चक्कर में एक खतरनाक कैदी को रिहा कर दिया। जो जेल से बाहर निकलते ही फरार हो गया। दूसरे दिन असली कैदी के परिजन जेल पहुंचे और उन्होंने रिहाई की मांग की तो जेल प्रशासन को अपनी गलती का अहसास हुआ। इससे जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में जेल अधिकारियों ने मामले की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। जो कैदी रिहा किया गया है। वह एक किशोर से कुकर्म करने का आरोपी है। उसपर पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। जबकि जिसे ‌रिहा किया जाना था। वो मामूली मारपीट का आरोपी था।

नीतीश और नितेश में चकरा गई जेल पुलिस

दरअसल, फरीदाबाद की नीमका जेल में नितेश कुमार पुत्र रविंद्र कुमार और नीतीश पांडेय पुत्र रविंद्र पांडेय दो कैदी बंद थे। इनमें से नीतीश पांडेय बिहार का रहने वाला है। 27 साल के बिहार निवासी नीतीश पांडेय ने अक्टूबर 2021 में फरीदाबाद के सेक्टर 58 में एक नौ साल के किशोर से कई बार कुकर्म किया था। पुलिस ने उसे पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था।

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जबकि दूसरे आरोपी ओल्ड फरीदाबाद के शास्त्री कॉलोनी निवासी नितेश कुमार को घर में घुसकर मारपीट के आरोप में 25 मई को जेल भेजा गया था। सोमवार को फरीदाबाद सीजेएम कोर्ट से नितेश कुमार को मारपीट मामले में जमानत दी गई थी, लेकिन जेल प्रशासन से बड़ी चूक हुई और अदालत के आदेश पर मंगलवार को नीतीश पांडेय रिहा हो गया। यह चूक पकड़ में तब आई। जब मारपीट के आरोपी नितेश कुमार के परिजनों ने 27 मई को जेल पहुंचकर रिहाई के बारे में पूछताछ शुरू की।

फरीदाबाद नीमका जेल के उपाधीक्षक ने क्या बताया?

फरीदाबाद की नीमका जेल के उपाधीक्षक विक्रम कुमार ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि जेल प्रशासन ने इस मामले की जांच कराई है। इसमें सामने आया है कि दोनों आरोपियों के पिता का नाम रविंद्र होने की वजह भ्रम की स्थिति बनी। इसका फायदा नीतीश पांडेय उठा ले गया। जेल के अंदर का कोई भी कर्मचारी इसमें संलिप्त नहीं मिला है। फिर भी इस मामले की विस्‍तृत जांच कराई जा रही है।

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इसके अलावा बल्लभगढ़ सदर थाने में फरार कैदी के खिलाफ बीएनएस की धारा 262 यानी कानूनी गिरफ्तारी में बाधा डालना, और धारा 319 यानी व्यक्तित्व द्वारा धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज कराया गया है। फरार होने वाले नीतीश पांडेय ने साल 2022 में अपनी जमानत के लिए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जैस्मीन शर्मा की फास्ट ट्रैक विशेष कोर्ट में अर्जी दी थी, लेकिन न्यायाधीश ने इसे खारिज कर दिया था।

नीमका जेल में एक कैदी की मौत से मचा बवाल

दूसरी ओर फरीदाबाद जिले की नीमका जेल में ही एक कैदी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। जेल प्रशासन का कहना है कि कैदी की अचानक तबीयत बिगड़ी थी। जिसे फरीदाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई। जबकि कैदी के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। दरअसल, हरियाणा रोडवेज में बतौर क्लर्क तैनात पलवल के गांव सुजवाड़ी निवासी 35 साल के सोहनपाल को डीजल की हेराफेरी करने के आरोप में 16 मई को नीमका जेल भेजा गया था।

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परिजनों ने बताया कि एक दिन पहले ही वे उससे मिलने गए थे, तब उसने हल्का बुखार बताया था लेकिन कोई गंभीर परेशानी नहीं थी। मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन और अस्पताल पर समय पर इलाज न कराने और लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि अगर सही समय पर इलाज होता तो सोहनपाल की जान बचाई जा सकती थी। सोहनपाल के पिता ने बताया कि आरोप झूठे थे। मामले को निपटाने के लिए रोडवेज विभाग को 11 लाख रुपये जमा कराए गए और एक अधिकारी को 2.5 लाख रुपये रिश्वत भी दी गई थी।