13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गोवा नाइटक्लब आग हादसे के बाद NCR में बड़ी कार्रवाई, 350 बैंक्वेट हॉल पर गिर सकती है गाज

Ghaziabad: गोवा नाइटक्लब आग हादसे में 25 लोगों की मौत के बाद पूरे देश में क्लबों और बैंक्वेट हॉल्स की जांच-पड़ताल शुरू हो गई है। इसी बीच दिल्ली से सटे गाजियाबाद में करीब 350 बैंक्वेट हॉल बिना एनओसी के चलते मिले हैं।

3 min read
Google source verification
Followup Goa nightclub fire Accident NCR big action 350 banquet hall without NOC in Ghaziabad

गोवा नाइटक्लब आग हादसे के बाद एनसीआर में बढ़ी चौकसी।

Ghaziabad: गोवा के एक नाइट क्लब में हुए भीषण आग हादसे के बाद एनसीआर में अग्निशमन व्यवस्था को लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। इसी कड़ी में दिल्ली से सटे गाजियाबाद जिले में दमकल विभाग ने बैंक्वेट हॉल, क्लब, कैफे, रेस्तरां और फार्म हाउस में अग्निशमन प्रबंधों की व्यापक जांच शुरू कर दी है। जांच में सामने आया है कि जिले में संचालित हो रहे करीब 350 बैंक्वेट हॉल बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं, जो किसी भी बड़े हादसे को न्योता दे सकते हैं। दमकल विभाग के मुताबिक फिलहाल जिले में केवल 69 बैंक्वेट हॉल के पास ही वैध फायर एनओसी मिली है।

गाजियाबाद में सर्वे के दौरान सामने आई सच्चाई

दरअसल, गाजियाबाद कमिश्नरेट क्षेत्र में बैंक्वेट हॉल और फार्म हाउस का लगभग एक साल पहले सर्वे कराया गया था। उस समय जिले में कुल 410 बैंक्वेट हॉल पाए गए थे, जिनमें से अधिकांश के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी नहीं थी। सर्वे के बाद दमकल विभाग ने अभियान चलाया, जिसके परिणामस्वरूप 69 बैंक्वेट हॉल संचालकों ने फायर एनओसी हासिल कर ली। हालांकि इसके बाद बाकी संचालकों ने एनओसी लेने में कोई रुचि नहीं दिखाई। बिना एनओसी के संचालित हो रहे 50 से अधिक बैंक्वेट हॉल संचालकों को नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी।

गोवा में आग हादसे के बाद फिर बढ़ी सख्ती

गोवा हादसे के बाद शासन स्तर से सख्त निर्देश मिलने पर दमकल विभाग ने एक बार फिर पूरे जिले में सघन अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत उन सभी बैंक्वेट हॉल, रेस्तरां, क्लब, कैफे और फार्म हाउस का सर्वे और निरीक्षण किया जा रहा है, जो बिना दमकल प्रबंधों के संचालित हो रहे हैं। अब तक की कार्रवाई में 25 से अधिक बैंक्वेट हॉल संचालकों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। इन्हें एक सप्ताह के भीतर अग्निशमन व्यवस्था दुरुस्त करने और जरूरी मानकों को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। तय समय सीमा में व्यवस्था नहीं सुधारने पर विधिक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

इंदिरापुरम और कौशांबी में ज्यादा है संख्या

दमकल विभाग के अनुसार गाजियाबाद जिले में सबसे अधिक बैंक्वेट हॉल, क्लब और रेस्तरां राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर (आरडीसी) क्षेत्र में हैं। इसके बाद इंदिरापुरम और कौशांबी इलाके में ऐसे प्रतिष्ठानों की संख्या ज्यादा है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल के मुताबिक इन सभी क्षेत्रों में जांच कर अग्निशमन प्रबंधों का बारीकी से जायजा लिया जा रहा है। जिन प्रतिष्ठानों के पास फायर एनओसी नहीं है या जिनके पास एनओसी होने के बावजूद अग्निशमन प्रबंधों में खामियां पाई जा रही हैं, उन्हें नोटिस जारी किया जा रहा है।

जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि आरडीसी और इंदिरापुरम क्षेत्र में कई ऐसे क्लब और रेस्तरां हैं, जो 15 मीटर से अधिक ऊंचाई पर बने हुए हैं। इन स्थानों तक पहुंचने का रास्ता बेहद संकरा है। कई जगहों पर प्रवेश और निकास का केवल एक ही मार्ग है, जबकि अंदर 50 से 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई है। आपात स्थिति में बाहर निकलने के लिए सीढ़ियों के अलावा कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं है, जो बेहद खतरनाक स्थिति को दर्शाता है।

क्या है फायर सेफ्टी के मानक?

दमकल विभाग ने बैंक्वेट हॉल और फार्म हाउस के लिए स्पष्ट मानक तय कर रखे हैं। मुख्य अग्निशमन अधिकारी के अनुसार 500 वर्ग मीटर कवर्ड एरिया वाले बैंक्वेट हॉल और फार्म हाउस के लिए फायर एनओसी अनिवार्य है। वहीं 15 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई पर स्थित रेस्तरां, क्लब और कैफे के लिए भी एनओसी लेना जरूरी है। इसके अलावा सभी प्रतिष्ठानों में प्राथमिक अग्निशमन उपकरण, प्रशिक्षित स्टाफ और अलग-अलग प्रवेश व निकास मार्ग होना अनिवार्य है। जांच में यह भी खुलासा हुआ कि कई बैंक्वेट हॉल संचालक एनओसी से बचने के लिए कवर्ड एरिया को जानबूझकर 400 या 450 वर्ग मीटर दिखा रहे हैं।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल का कहना है कि जिले में चल रहे इस अभियान को पूरी गंभीरता से अंजाम दिया जा रहा है। अभियान पूरा होने के बाद जिन संचालकों ने अब भी फायर एनओसी नहीं ली होगी या मानकों की अनदेखी की होगी, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गोवा हादसे के बाद प्रशासन किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।