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शाह के अरुणाचल दौरे से परेशान हुआ ड्रैगन, गृहमंत्री ने दिया जवाब-अरुणाचल के लोग जय हिंद बोलते हैं, भारत से कोई अलग नहीं कर सकता

- किबितू में 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' पर चीन ने जताई आपत्ति - सीमावर्ती क्षेत्र केंद्र सरकार की प्राथमिकता, सीमा की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा-अमित शाह

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अनुराग मिश्रा,
अरुणाचल प्रदेश। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव किबितू में 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' का शुभारंभ किया। अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश सरकार की नौ माइक्रो हाइडल परियोजनाओं और 120 करोड़ की लागत से आईटीबीपी की 14 परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया।

शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमावर्ती गांवों के प्रति जनता का दृष्टिकोण बदला है, अब सीमावर्ती क्षेत्र में जाने वाले लोग इसे आखिरी गाँव नहीं बल्कि भारत के पहले गाँव के रूप में जानते हैं।सीमावर्ती क्षेत्र मोदी जी की प्राथमिकता हैं, सीमा की सुरक्षा ही राष्ट्र की सुरक्षा है इसलिए मोदी सरकार बॉर्डर पर इनफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर लगातार काम कर रही है।

उधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दौरे के बाद से चीन बेहद परेशान नजर आ रहा है चीन ने अमित शाह के दौरे पर आपत्ति जताई है। चीन के सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह का अरुणाचल दौरा उसकी संप्रभुता पर हमला है। लेकिन अपनी विस्तार वादी नीति के तहत भारत की जमीन पर दावा करता रहा है भारत की सीमा में अनावश्यक हस्तक्षेप की कोशिश करता रहा है। गौरतलब है किकुछ दिन पहले ही चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 इलाकों के नाम बदलकर उन पर अपना दावा पेश किया था।

उधर अरुणाचल प्रदेश में अलग-अलग कार्यक्रमों में सा लेने के दौरान गृह मंत्री शाह ने कहा कि सभी अरूणाचलवासी जय हिंद बोलकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हैं और इसी जज़्बे ने भारत के साथ अरूणाचल को जोड़कर रखा है। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले यहां के गांवों से पलायन हो रहा था लेकिन केंद्र ने इन गांवों तक विकास को पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी द्वारा लाए गए वायब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश और केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में उत्तरी सीमा से सटे 19 जिलों के 46 ब्लॉकों में 2967 गांवों की व्यापक विकास के लिए पहचान की गई है। इस कार्यक्रम के पहले चरण में, 46 ब्लॉक्स में 662 गांवों की लगभग 1 लाख 42 हज़ार की आबादी को कवर किया जाएगा। इस योजना पर 2022 से लेकर 2026 तक 4800 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे, 11 ज़िले, 28 ब्लॉक और 1451 गांवों को प्रथम चरण में शामिल किया गया है।