
Jangpura Assembly Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए नतीजों का आना शुरू हो गया है। इस बीच दिल्ली की दूसरी हॉट सीट मानी जा रही जंगपुरा में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आम आदमी पार्टी के कद्दावर नेता मनीष सिसोदिया चुनाव हार गए हैं। भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह ने उन्हें करीब 600 वोटों से शिकस्त दी। अपनी हार के बाद मनीष सिसोदिया ने विजेता पार्टी को बधाई दी है।
दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस बार पटपड़गंज की जगह जंगपुरा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे। इससे पहले दो बार मनीष सिसोदिया दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट से चुनाव जीतते रहे हैं। दिल्ली शराब घोटाले में गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर जेल से बाहर हैं। साल 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने यहां से प्रवीण कुमार को टिकट दिया था। इस बार मौजूदा विधायक प्रवीण कुमार का टिकट काट दिया गया है। इसलिए जंगपुरा सीट आम आदमी पार्टी के लिए अहम मानी जा रही थी। हालांकि मनीष सिसोदिया पिछली बार पटपड़गंज विधानसभा सीट पर बहुत कम अंतर से चुनाव जीते थे। जंगपुरा से भाजपा प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह जंगपुरा से लगातार तीन बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक रह चुके हैं।
जंगपुरा विधानसभा सीट दक्षिण पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यह दक्षिण दिल्ली जिले का एक पॉश इलाका है। जो जंगपुरा, जंगपुरा एक्सटेंशन, जंगपुरा ए और जंगपुरा बी में विभाजित है। जंगपुरा विधानसभा सीट पर सिख और पंजाबी मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। आम आदमी पार्टी ने पहली बार साल 2013 में मनिंदर सिंह धीर को चुनावी मैदान में उतारा था। मनिंदर मात्र 1744 वोटों के अंतर से चुनाव जीतकर दिल्ली विधानसभा में स्पीकर बने थे। इसके बाद साल 2015 में मनिंदर धीर भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद जंगपुरा से लगातार दो बार आप के प्रवीण कुमार विधायक बनते रहे।
इसके अलावा जंगपुरा सीट पर झुग्गी बस्तियों के मतदाता भी निर्णायक स्थिति में हैं। जबकि दलित और मुस्लिम वोट भी ठीक-ठाक हैं। जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में नेहरू नगर, सनलाइट कॉलोनी, निज़ामुद्दीन बस्ती और दरियागंज में बड़ी संख्या में मुस्लिम और दलित मतदाता रहते हैं। इस बार कांग्रेस और भाजपा ने इसी गणित को ध्यान में रखते हुए यहां पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। कांग्रेस के फरहाद सूरी मुस्लिम समुदाय से आते हैं। पूर्व कांग्रेस नेत्री ताजदार बाबर के बेटे फरहाद सूरी 4 बार पार्षद और दिल्ली नगर निगम के पूर्व मेयर भी रह चुके हैं। वहीं तरविंदर सिंह मारवाह पंजाबी समुदाय से आते हैं।
साल 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रवीण कुमार को 45,133 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के इम्प्रीत सिंह बख्शी को 29,070 वोट प्राप्त हुए। जबकि कांग्रेस के तरविंदर सिंह मारवाह को भी 13,565 वोट मिले थे। साल 2020 में आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी प्रवीण कुमार को 50.9 % वोट मिले थे। जबकि जीत का अंतर 18.1% था। इस बार तरविंदर सिंह मारवाह भाजपा से चुनावी मैदान में हैं। जबकि आम आदमी पार्टी ने मौजूदा विधायक प्रवीण कुमार का टिकट काट दिया है।
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साल 2015 में भी आम आदमी पार्टी ने मनिंदर सिंह धीर का टिकट काटकर प्रवीण कुमार पर दांव लगाया था। जबकि भाजपा ने आम आदमी पार्टी छोड़कर आए मनिंदर सिंह धीर को चुनावी मैदान में उतारा था। कांग्रेस ने तरविंदर सिंह मारवाह पर दांव लगाया था। साल 2015 में आम आदमी पार्टी के प्रवीण कुमार को 43,927 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के मनिंदर सिंह धीर को 23,477 वोट प्राप्त हुए थे। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह को 22,662 वोट मिले थे। साल 2015 में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर 48.1 % था। जबकि जीत का अंतर 22.4 % था।
Updated on:
08 Feb 2025 01:32 pm
Published on:
06 Feb 2025 11:01 am
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