काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) करीब 5 लाख स्‍कवॉयर फीट में बना है और ये रिकार्ड 21 महीनों में तैयार हुआ है। इसके निर्माण की कुल लागत 900 करोड़ रुपये है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आज वर्ष 2014 में किए वादे को पूरा करेंगे और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) का लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के कारण बाबा विश्वनाथ धाम की सूरत ही बदल गई है। अब कोई भी भक्त गंगा (Ganga) किनारे वाराणसी (Varanasi) के घाटों से सीधे बाबा विश्वनाथ आसानी से पहुँच सकता है, जिसे सात तरह के पत्थरों से सजाय गया है। काशी विश्वनाथ का कॉरिडोर करीब 5 लाख स्कवॉयर फीट में बना है और ये रिकार्ड 21 महीनों में तैयार हुआ है। इसके निर्माण की कुल लागत 900 करोड़ रुपये है।
नया नक्शा देखें:
नए काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का मैप आप ट्विटर पर शेयर किए गए इस वीडियो में देख सकते हैं जिसमें आर्किटेक्चर टीम का एक सदस्य इसे समझा रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था सख्त
लगभग 5.43 करोड़ रुपये की लागत से काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) और उसके आसपास हाईटेक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इस व्यवस्था को इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। मंदिर और उसके आसपास चार स्तरीय सुरक्षा के अलावा एयर सर्विलांस की व्यवस्था की गई है।
बता दें कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन में 12 ज्योतिर्लिंगों और 51 सिद्धपीठों के पुजारी भी शामिल होंगे। ज्ञात हो कि 352 वर्ष पूर्व रानी अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। इसके बाद बाबा विश्वनाथ के मंदिर के शिखर पर महाराजा रणजीत सिंह ने सोने की परत चढ़वाई थी और अब 2021 में मंदिर परिसर का नजारा पूरी तरह से बदल गया है।
वाराणसी में बुनियादी ढांचे के सुधार से भोले की नगरी के साथ-साथ सारनाथ के बौद्ध तीर्थ स्थल के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।