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सहकारिता के क्षेत्र में देश में कई पहल की गई हैं, मोदी सरकार का ये कार्यकाल सहकारिता क्षेत्र के इतिहास स्वर्ण युग-अमित शाह

- दो दिवसीय 17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन का उद्घाटन - पीएम नरेन्द्र मोदी ने सहकारी विपणन के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट और सहकारी विस्तार और सलाहकार सेवा पोर्टल की शुरुआत की - सहकारिता का एक सदी में दिया योगदान अगले 25 सालों में करने का संकल्प हमें करना है-अमित शाह

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अनुराग मिश्रा

नई दिल्ली। “अमृत काल – जीवंत भारत हेतु सहकार से समृद्धि“ को लेकर दो दिन के 17वें भारतीय सहकारी महासम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने सहकारी विपणन के लिए ई-कॉमर्स वेबसाइट और सहकारी विस्तार और सलाहकार सेवा पोर्टल की भी शुरआत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने की।

अमित शाह ने कहा कि भारत में सहकारिता आंदोलन आज़ादी से भी पहले लगभग 115 साल पुराना है और आज़ादी के बाद से ही सहकारिता क्षेत्र से जुड़े कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांग थी कि एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि पहले सहकारिता क्षेत्र के विस्तार, इसमें समयानुकूल परिवर्तन करने, पारदर्शिता लाने और देश-विदेश में हुए बदलावों को अपने यहां समाहित करने में दिक्कतें आती थीं।

भारतीय सहकारी संघ सहकारिता क्षेत्र की सर्वोच्च संस्था है और श्री दिलीप संघाणी जी के नेतृत्व में हर पहल और बदलाव को पैक्स से एपैक्स तक पहुंचाने में सहकारी संघ ने बहुत अच्छा तालमेल बैठाया है और प्रयास भी किया है। उन्होंने कहा कि सौ साल से अधिक पुराने सहकारिता आंदोलन ने देश को काफी कुछ दिया है और कई उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन विगत 25-30 सालों से सहकारिता क्षेत्र में एक ठहराव देखने को मिला है। श्री शाह ने कहा कि कृषि ऋण वितरण में लगभग 29 प्रतिशत हिस्सा सहकारिता क्षेत्र का है, उर्वरक वितरण में 35 प्रतिशत, उर्वरक उत्पादन में 25 प्रतिशत, चीनी उत्पादन में 35 प्रतिशत, स्पिंडल के क्षेत्र में लगभग 30 प्रतिशत, दूध की खरीद, बिक्री और उत्पादन में लगभग 15 प्रतिशत, गेहूं की खरीद में 13 प्रतिशत, धान की खरीद में 20 प्रतिशत हिस्सा सहकारिता क्षेत्र का है।

उन्होंने कहा कि पिछली सदी में देश के विकास में जो योगदान हमने दिया है, उससे ज़्यादा योगदान आज़ादी के अमृत महोत्सव से लेकर आज़ादी की शताब्दी तक के 25 सालों में करने का संकल्प आज हमें इस सहकारी महासम्मेलन में करना है। उन्होंने कहा कि आज हमें ये तय करना है कि सहकारिता के साथ युवाओं और महिलाओं को जोड़ेंगे और सहकारिता के माध्यम से गरीब से गरीब व्यक्ति को समृद्ध करने का प्रयास करेंगे।

शाह ने कहा कि हमने देशभर की कोऑपरेटिव का एक डेटाबेस बनाया है जिसका 90% काम पूरा हो चुका है, जिससे हम वैक्‍यूम को आईडेंटिफाई कर एक्सपेंशन का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि अभी देश में 85000 पैक्स हैं, अगले 3 साल में देश की हर पंचायत में पैक्स होगा, यानी 3 लाख पैक्स देश में अस्तित्‍व में आएंगे और इसी से सहकारिता बहुत मजबूत होगी। उन्होने कहा कि GEM प्लेटफार्म पर क्रेता के रूप में और मार्केटिंग के लिए, पैक्स को मंजूरी देने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया है और कई अन्य इनीशिएटिव भी लिए हैं।

शाह ने कहा कि दशकों से आयकर कानून में सहकारिता के साथ अन्याय होता था और कंपनियों के साथ इन्हें समानता नहीं मिलती थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने एक ही बार में सारी असमानताओं को दूर कर कोऑपरेटिव को कंपनियों के बराबर का दर्जा दिया है, जिससे बहुत बड़ा फायदा आने वाले दिनों में होने वाला है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने चीनी मिलों के सालों से लंबित 15 हजार करोड़ रूपए के टैक्‍स डिस्प्यूट का विधेयक के माध्यम से निपटारा किया
कार्यक्रम सहकारिता राज्यमंत्री बी एल वर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।