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खुलासा: केजरीवाल सरकार ने तीन वर्षों में 21.53 करोड़ रुपए खर्च कर केवल 344 लोगों को दी नौकरी

दिल्ली सरकार के रोजगार विभाग ने पिछले तीव वर्षों में केवल 344 बेरोजगारों को नौकरी दी है। इस तथ्य के सामने आने के बाद से केजरीवाल सरकार की काफी किरकिरी हो रही है।

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केजरीवाल सरकार के बारे में बड़ा खुलासा, नौकरी देने के नाम पर हुआ इतने करोड़ रुपए का गबन!

केजरीवाल सरकार के बारे में बड़ा खुलासा, नौकरी देने के नाम पर हुआ इतने करोड़ रुपए का गबन!

नई दिल्ली। दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के तीन साल पूरे होने पर पार्टी ने एक नारा दिया था 'तीन साल बेमिसाल’। केजरीवाल ने दिल्ली के हर गली-नुक्कड और चौराहों पर बैनर-पोस्टर लगाते हुए यह ऐलान किया था कि आजादी के बाद से सबसे ज्यादा काम करने वाली यह सरकार है। साथ ही युवाओं और गरीबों के लिए बेहतर काम करने के मामले में पहले पायदान पर है। लेकिन अब दिल्ली सरकार के इन तमाम दावों की हवा निकल गई है। कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जिससे केजरीवाल सरकार को कटघरे में खड़ा करता है। दरअसल युवाओं को रोजगार देने के मामले में अपनी पीठ थपथपाने वाले केजरीवाल सरकार के रोजगार विभाग के आंकड़ों ने ही सवाल खड़े किए हैं। दिल्ली सरकार के रोजगार विभाग ने पिछले तीव वर्षों में केवल 344 बेरोजगारों को नौकरी दी है। इस तथ्य के सामने आने के बाद से केजरीवाल सरकार की काफी किरकिरी हो रही है।

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तीन वर्षों में 21.53 करोड़ रुपए विभाग ने किए खर्च

आपको बता दे कि हाल ही मानसून सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने सदन में रोजगार कार्यालय मे हुए पंजीकरण और नौकरियों की जानकारी सरकार के रोजगार मंत्री से मांगी थी। विभाग ने अपने लिखित जवाब में यह जानकारी दी कि बीते तीन वर्षों के दौरान सरकार ने मात्र 344 बेरोजगारों को नौकरी दी है। 2015 में 176, 2016 में 102 और 2017 में 66 बेरोजगारों को नौकरियां दी गई है। विभाग ने यह भी बताया कि इन लोगों को किस विभाग में और किस पद पर नौकरी दी है। लेकिन विभाग ने इसके साथ एक और आंकड़ा बताया है जो कि सबको हैरानी में डालता है। विभाग ने बताया कि तीन वर्षों के दौरान रोजगार विभाग ने कुल 21.53 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं।

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सरकार ने तीन वर्षों में 7 रोजगार मेले लगाए

आपको बता दें कि केजरीवाल सरकार ने बीते तीन वर्षों में 7 रोजगार मेले लगाए और दावा किया कि उनमें 357 कंपनियों ने हिस्सा लिया। विभाग ने यह भी बताया कि इन कंपनियों ने 78 आवेदकों में से 30680 व्यक्तियों को शॉर्टलिस्ट कियाष लेकिन इनमें से कितनों को नौकरी मिली इसका जवाब विभाग ने नहीं दिया। बता दें कि विभाग ने इन मेलों के आयोजन में 33.11 लाख रुपए खर्च किए। रोजगार विभाग ने यह भी बताया कि राजधानी के पांच रोजगार कार्यालयों में कुल 2.87 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया था जिसमें से 8 हजार लोगों के नाम नियोक्ताओं के पास भेजे गए। इनमें से केवल 344 लोगों को नौकरी दी गई। 344 में से 177 लोगों को कंडक्टर, वॉटरमैन और टेम्पररी वॉटरमैन पद पर नियुक्त किया गया।