
नई दिल्ली। देशभर में गर्मी के आहट के साथ अडानी मामले की जेपीसी से मांग की संयुक्त विपक्ष की मांग के इतर राय वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार के बयान के बाद सियासी गर्माहट भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने जहां इसे पवार का निजी बयान बताया है, वही शिवसेना (उद्धव) की ओर से भी कहा गया है कि उनके जेपीसी वाले मुद्दे से विपक्षी एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
पवार ने शुक्रवार को एक इंटरव्यू में अडानी मामले में जेपीसी की मांग से किनारा करते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की जांच से ही सही नतीजे सामने आएंगे। हालांकि हाल ही सम्पन्न संसद के बजट सत्र के दौरान जेपीसी की मांग करने वाले 19 विपक्षी दलों में पवार की पार्टी भी शामिल थी। फिर भी पहले सावरकर और फिर जेपीसी के मुद्दे पर पवार के अलग सुरों से विपक्षी एकता पर सवाल उठने लगे तो पवार ने शनिवार को यू-टर्न ले लिया। उन्होंने कहा कि जब कई पार्टियां साथ में आती है तो किसी मुद्दे पर मतभेद होना लाजिमी है। इसे आपसी चर्चा से सुलझाया जा सकता है। सावरकर वाले मामले में विवाद हुआ तो आपसी बातचीत से सुलझा लिया गया। उनके जो विचार पहले थे, वे अब भी हैं, लेकिन इससे विपक्षी एकता पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि विपक्षी एकता में कांग्रेस की अनदेखी नहीं की जा सकती।
पवार ने अडानी मामले में बयान पर कहा कि उनकी पार्टी ने भी संसद में जेपीसी की मांग का समर्थन किया है, लेकिन खुद उन्हें लगता है कि जेपीसी में सत्ताधारी दल का वर्चस्व होगा और रिपोर्ट सरकार के पक्ष में ही आएगी। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की समिति से ही कुछ उम्मीद की जा सकती है। जेपीसी जांच की मांग पर उनके बयान को विपक्षी एकता से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
हम सब एक हैंः जयराम
इधर, कांग्रेस के नेता जयराम रमेश ने पवार के बयान को निजी राय बताते हुए कहा कि एनसीपी के अपने विचार हो सकते हैं, लेकिन 19 समान विचारधारा वाले विपक्षी दल इस बात को मानते हैं कि प्रधानमंत्री से जुड़ा अडानी ग्रुप का मुद्दा वास्तविक और बहुत गंभीर है। एनसीपी सहित समान विचारधारा वाले सभी 20 विपक्षी दल एकजुट हैं और संविधान एवं हमारे लोकतंत्र को भाजपा के हमलों से बचाने के लिए संगठित हैं। ये सभी भाजपा के विभाजनकारी और विनाशकारी राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक एजेंडे को हराने में एक साथ होंगे।
राउत ने किया पवार का बचाव
जेपीसी मुद्दे पर गर्मा रही राजनीति के बीच शिवसेना (उद्धव) के नेता संजय राउत ने पवार का बचाव किया। उन्होंने कहा कि जेपीसी की मांग का पवार ने विरोध नहीं किया है, बल्कि अपने अनुभव के आधार पर एक विकल्प सुझाया है। पवार ने इतना ही कहा है कि जेपीसी की मांग से कोई फायदा नहीं होगा। उनके इस बयान से विपक्षी एकता के प्रयासों पर कोई आंच नहीं आएगी।
Published on:
08 Apr 2023 09:05 pm
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