6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बिहार चुनाव से पहले लालू यादव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, इस मामले में फैसला सुरक्षित

Lalu Prasad Yadav: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। इसी बीच दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव के खिलाफ रेलवे लैंड फॉर जॉब मामले में अहम सुनवाई पूरी की।

2 min read
Google source verification
Rouse Avenue court Delhi reserves order on charge in land for job case against Lalu Prasad Yadav

रेलवे लैंड फार जॉब मामले में लालू यादव की बढ़ सकती हैं मुश्किलें।

Lalu Prasad Yadav: रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले (Land for Job Scam) मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने अहम सुनवाई की। पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी एवं बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत अन्य आरोपियों पर आरोप तय करने को लेकर अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है। अब कोर्ट 13 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा कि आरोप तय होंगे या नहीं। अगर कोर्ट लालू समेत सभी लोगों पर आरोप तय करती है तो बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

क्या है पूरा मामला?

सीबीआई (CBI) की जांच के अनुसार, 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान लालू प्रसाद यादव पर आरोप है कि उन्होंने रेलवे में ग्रुप डी की अस्थायी नौकरियां देने के बदले लाभार्थियों से उनकी जमीन अपने परिवार के नाम कराई। सीबीआई का दावा है कि इस कथित घोटाले में लालू, राबड़ी, तेजस्वी समेत 99 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। जांच एजेंसी का आरोप है कि लाभार्थियों ने जमीन बहुत कम दामों पर यादव परिवार या उनके करीबी लोगों को दी और बदले में रेलवे की नौकरी पाई।

अदालत में क्या हुआ?

गुरुवार को इस मामले में सुनवाई के दौरान स्पेशल जज विशाल गोगने की अदालत में सीबीआई और बचाव पक्ष की दलीलें पेश की गईं। सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक डीपी सिंह ने कहा कि उनके पास आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। उन्होंने कोर्ट से आरोप तय करने की मांग की। वहीं, लालू प्रसाद यादव की ओर से वरिष्ठ वकील मनींदर सिंह ने जोरदार बचाव किया। उन्होंने तर्क दिया कि यह मामला राजनीतिक साजिश है और इसका कोई ठोस आधार नहीं है। उन्होंने कहा, “जमीन खरीदने के लिए पैसे दिए गए थे। सभी लेन-देन पारदर्शी ढंग से हुए। इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नौकरी जमीन के बदले दी गई।”

बचाव पक्ष का तर्क-कोई सिफारिश न भ्रष्टाचार

बचाव पक्ष ने आगे दलील दी कि रेलवे की भर्ती प्रक्रिया में किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ। वकील ने कहा कि न तो लालू ने किसी उम्मीदवार की सिफारिश की और न ही रेलवे के किसी जनरल मैनेजर ने यह कहा कि उन्हें लालू ने प्रभावित किया। राबड़ी देवी के वकील ने भी इससे पहले 28 अगस्त को अपनी दलील में कहा था कि जमीन खरीदने के लिए राबड़ी ने भुगतान किया था। यह सामान्य लेन-देन था, जिसे अपराध की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता।

सीबीआई की दलीलें पूरी, 13 अक्टूबर को सामने आएगा फैसला

सीबीआई अपनी दलीलें पूरी कर चुकी है और अब सभी की निगाहें 13 अक्टूबर पर टिकी हैं, जब कोर्ट यह तय करेगा कि लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य आरोपियों पर आरोप तय होंगे या नहीं। यह फैसला न केवल कानूनी मोर्चे पर बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी अहम असर डाल सकता है। सवाल यह है कि क्या लालू परिवार एक और सियासी तूफान का सामना करेगा, या फिर सबूतों की कमी के चलते राहत पाएगा? इसका जवाब आने वाले दिनों में साफ होगा।