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खुफिया विभाग को मिला बड़ा इनपुट, RSS नेताओं-दफ्तरों पर बड़े आतंकी हमले का खतरा

वैश्विक आतंकी संगठनों द्वारा इस माह दिया जा सकता है हमले को अंजाम। संघ के नेता-दफ्तरों के अलावा पुलिस स्टेशनों पर भी मंडरा रहा है खतरा। महाराष्ट्र, दिल्ली, राजस्थान, यूपी, पंजाब, असम में बढ़ाई गई सुरक्षा।

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नई दिल्ली। खुफिया विभाग को एक बड़ा इनपुट मिला है। इनपुट के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के दफ्तरों के साथ ही इसके नेताओं के ऊपर बड़े अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों द्वारा हमला किए जाने का खतरा मंडरा रहा है। खुफिया विभाग (Intelligence Bureau) को पता चला है कि आतंकी संगठन संघ के नेताओं और दफ्तरों को IED या VBIED के जरिये निशाना बना सकते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खुफिया विभाग को प्राप्त इनपुट में पता चला है कि संघ के दफ्तरों-नेताओं पर हमले की आशंका महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान आदि स्थानों पर है।

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इस माह जारी किए गए ताजा इनपुट में दावा किया गया है कि संभवता वैश्विक आतंकी संगठनों से जुड़े अज्ञात व्यक्ति RSS के कार्यालयों-नेताओं और पुलिस स्टेशनों को निशाना बनाने की तैयारी में जुटे हैं, पूरी संभावना है कि यह आने वाले दिनों में IED और/या VBIED के जरिये इन घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं।

बता दें कि IED (इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोजिव डिवाइस) को जुगाड़ बम भी कहा जाता है और आतंकी इसे तमाम विस्फोटकों के जरिये अलग-अलग क्षमता का बनाते हैं। वहीं, VBIED का मतलब (व्हीकल बोर्न IED) होता है, जिसे वाहनों में लगाया जाता है और विस्फोट किया जाता है। पुलवामा अटैक के दौरान भी आतंकियों ने VBIED का इस्तेमाल किया था।

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सूत्रों ने दावा किया है कि इस अलर्ट के बाद सभी संबंधित राज्य सरकारों को सुरक्षा के उचित कदम उठाने के लिए कहा गया है।

सरकार के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने दावा किया है कि महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और असम में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और संघ के पदाधिकारियों की सुरक्षा की भी समीक्षा की जा रही है।

इससे पहले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ताओं पर हमले के कई मामले पहले भी आ चुके हैं।

बीते माह बेंगलूरु पुलिस ने छह लोगों को गिरफ्तार किया था जो दिसंबर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के समर्थन में आयोजित एक रैली के लिए पहुंचे आरएसएस कार्यकर्ता को मारने की कोशिश कर रहे थे। वरुण बोपाला के ऊपर कई बार चाकुओं से वार किया गया था लेकिन वह बचने में कामयाब रहे थे।

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पुलिस ने दावा किया था कि इन आरोपियों ने बड़ी साजिश रची थी और इनकी पहचान मोहम्मद इरफान, सैयद अकबर, सैयद सिद्दिकी अकबर, अकबर बाशा, सनुल्ला शरीफ और सादिक उल-अमीन के रूप में की गई थी।