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सैनिक स्कूल उत्तर गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश के बच्चों के लिए सेना में जाने का आसान रास्ता तैयार करेगा-अमित शाह

- मेहसाणा में सैनिक स्कूल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिलान्यास - 'देश में पीपीपी मॉडल पर 100 सैनिक स्कूल होने चाहिए, आज 20वें सैनिक स्कूल का भूमिपूजन हुआ' - इस यज्ञ में खुद को तबाह कर भारत माता की सेवा के लिए तैयार होंगे बच्चे- अमित शाह

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अनुराग मिश्रा
नई दिल्ली। गुजरात के मेहसाणा में दूधसागर रिसर्च एंड डेवलपमेंट एसोसिएशन द्वारा संचालित मोतीभाई आर. चौधरी सागर सैनिक स्कूल का केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया।

इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि श्री मोतीभाई आर. चौधरी जी ने दशकों तक गांधीनगर के पशुपालको, विशेषकर चौधरी समाज की बहनों की आजीविका के साधन उत्पन्न कर, इस दूधसागर डेयरी के नाम को चरितार्थ किया है। उन्होंने कहा कि श्री मोतीभाई के नेतृत्व में अनेक कठिन पड़ाव इस दूधसागर डेयरी ने पार किये है। उन्होंने कहा कि त्रिभुवनभाई पटेल के मार्गदर्शन में श्री मोतीबाई के योगदान से उत्तरी गुजरात के तीन ज़िलों- बनासकांठा, साबरकांठा और मेहसाणा – में दूध उत्पादन शुरू हुआ। श्री शाह ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में एक आदर्श कार्यकर्ता कैसा होता है, ज़मीनी स्तर पर उसका व्यक्तित्व कैसा होता है, यह सीखना है तो मोतीभाई चौधरी जी के जीवन को समझना होगा।

शाह ने उम्मीद जताई कि यह सैनिक स्कूल ना सिर्फ उत्तर गुजरात बल्कि पूरे देश के बच्चों के लिए सेना में जाने का एक आसान और सुलभ रास्ता बनेगा। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में पढ़ने वाले जो बच्चे सेना में जाएंगे, वो देशभक्ति और देश की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करेंगे और जो नागरिक जीवन जीएंगे, वो अच्छे नागरिक के रुप में अपने जीवन में देशभक्ति के संस्कार को हमेशा के लिए इस स्कूल के माध्यम से बढ़ा सकेगे।

गृह मंत्री ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने बड़े पैमाने पर सहकारी संस्थाओं, कॉर्पोरेट वर्ग के लोगों और एनजीओ आदि को साथ लेकर देश के विकास के लिए प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार प्रधानमंत्री जी ने आह्वान किया था देश में पीपीपी मॉडल पर 100 सैनिक स्कूल होने चाहिएं और आज मोदी जी के आह्वान पर चलते हुए 20वें सैनिक स्कूल का यहां भूमिपूजन हुआ है।

शाह ने कहा कि ये सैनिक स्कूल ज्ञान, रक्षा, बहादुरी और देशभक्ति की भावना के साथ अनेक बच्चों के जीवन में नया प्रकाश लाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में 50 कैडेट और 2023-24 में 55 कैडेट की भर्ती हो चुकी है। उन्होंने कहा कि कठिन दिनचर्या के साथ यहां पढ़ने वाले बच्चे एक यज्ञ में खुद को तपाकर भारत माता की सेवा के लिये स्वयं को तैयार करेंगे।