
नई दिल्ली। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सिंधी समाज अपनी सेवा भावना और अटूट सांस्कृतिक प्रतिबद्धता के साथ भारत के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। सिंधी समाज सांस्कृतिक गौरव, अखंडता और राष्ट्र निर्माण का सशक्त उदाहरण है।
बिरला ने यह बातें विज्ञान भवन में विश्व सिंधी हिंदू फाउंडेशन ऑफ एसोसिएशन्स के “सशक्त समाज – समर्थ भारत” कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि इस समाज के लोगों ने व्यवसाय, उद्योग, बैंकिंग, सेवाओं और नई प्रौद्योगिकी में लगातार उत्कृष्ट कार्य किया है, जिससे लाखों लोगों को आजीविका प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि उन्हें सफलता केवल आर्थिक कुशलता के कारण नहीं, बल्कि विश्वास, सहयोग और नैतिक आचरण जैसे मूल्यों के कारण मिली है और ये ऐसे गुण हैं जो देश की प्रगति में बहुत बड़ा योगदान देते हैं।
लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि विभाजन के दौरान इस समाज के लोगों ने जिन कठिनाइयों का सामना किया, उससे यह समाज और मज़बूत हुआ। उनके पास जो भी संपत्ति थी, उसके भारी नुकसान के बावजूद, सिंधी समाज ने अपने धर्म, परंपराओं, रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखा। असाधारण दृढ़ संकल्प के साथ वे फिर से अपने पैरों पर खड़े हुए और कठिनाई को अवसर में बदल दिया। उन्होंने कहा कि उनका यह सफ़र दृढ़ता और सांस्कृतिक गौरव का उत्कृष्ट उदाहरण है। इस अवसर पर दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और अन्य विशिष्टजन उपस्थित रहे।
बिरला ने कहा कि भारत की ताकत उसकी विविधता में है। 2047 तक विकसित भारत के राष्ट्रीय सपने को साकार करने के लिए सभी समुदायों के बीच एकता, तालमेल और परस्पर सम्मान की भावना आवश्यक है। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज सेवा और सामुदायिक कल्याण में सिंधी समाज के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना करते हुए समावेशी विकास और सामाजिक उत्थान के प्रति उनके समर्पण पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सिंधी युवाओं की उद्यमिता में उत्कृष्टता, नवाचार और दूरदर्शी सोच को विशेषकर प्रौद्योगिकी और नए क्षेत्रों में भारत के विकास का मुख्य आधार बताया।
Updated on:
24 Nov 2025 09:32 am
Published on:
24 Nov 2025 09:29 am
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