
सोशल मीडिया को गलत सूचनाओं की तत्काल करनी होगी पहचान
नई दिल्ली। सोशल मीडिया साइट्स पर गलत सूचनाओं (फेक) व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) की मदद से तैयार हो रहे 'डीपफेक' के बढ़ते प्रचलन के मद्देनजर केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया मध्यस्थों को ऐसी सामग्री की तत्काल पहचान करने की एडवाइजरी जारी की है। इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि ऐसी कोई भी सामग्री सामने आने के बाद 36 घंटे में हटानी होगी।
सोशल मीडिया मध्यस्थों को जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि गलत सूचना तथा डीपफेक की पहचान करने के लिए उचित प्रयास किए जाने चाहिए। नियमों, विनियमों व उपयोगकर्ता समझौतों के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली सामग्री रिपोर्ट किए जाने के 36 घंटे के भीतर हटा दी जानी चाहिए। साथ ही ऐसे मामलों में सोशल मीडिया साइट्स को आईटी नियम 2021 के अंतर्गत निर्धारित समय सीमा के भीतर त्वरित कार्रवाई कर गलत सामग्री या सूचना तक पहुंच को रोकने के कदम उठाने होंगे।
मंत्रालय ने सोशल मीडिया मध्यस्थों को चेतावनी दी है कि आईटी अधिनियम और नियमों के प्रासंगिक प्रावधानों का पालन नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी। आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा व विश्वास पर खरा उतरना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं और डीपफेक की बढ़ती चुनौतियों के मद्देनजर सरकार ने पिछले छह महीने में दूसरी बार ऐसी एडवाइजरी जारी की है। इसमें सोशल मीडिया संचालकों को डीपफेक का प्रवाह रोकने के लिए समुचित कार्रवाई करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि गलत सूचनाओं और डीपफेक को रोकना ऑनलाइन प्लेटफार्म्स की विधिक जिम्मेदारी है। उन्होंने डीपफेक का शिकार होने वाले लोगों से भी कानून का सहारा लेने और आईटी अधिनियम के तहत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने की अपील की।
Published on:
07 Nov 2023 09:10 pm
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