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लोकसभा में फिर गूंजी सांसद के लॉगिन-पासवर्ड की बात

- महुआ मोइत्रा के लोकसभा से निष्कासन का आधार बना लॉगिन-पासवर्ड

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लोकसभा में फिर गूंजी सांसद के लॉगिन-पासवर्ड की बात

,लोकसभा में फिर गूंजी सांसद के लॉगिन-पासवर्ड की बात,

नई दिल्ली। सांसद का लॉगिन-पासवर्ड पीए या अन्य किसी को दिए जाने का जो मामला तृणमूल कांग्रेस महुआ मोइत्रा के लोकसभा से निष्कासन का एक आधार बना, उसकी गूंज निष्कासन के प्रस्ताव पर के दौरान भी सुनाई दी।

सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जहां लॉगिन-पासवर्ड बाहरी व्यक्ति को देकर सदन में प्रश्न लगाने को संसदीय नियमों के प्रतिकूल बताया, वहीं जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद गिरधारी यादव ने कहा कि वे भी अपना प्रश्न खुद नहीं बनाते। बहुत से एमपी नहीं बनाते हैं। प्रश्न पीए और उनका स्टाफ तैयार करता है। उन्हें भी पासवर्ड याद नहीं है। पासवर्ड पीए के पास है। यादव बोले, 'हमें तो कम्प्यूटर चलाना नहीं आता है। हम तो लिखकर देना चाहते हैं। मैं ऐसे करना नहीं जानता तो मैं क्या करूं। मैं तीसरी बार सांसद बना हुआ, चार बार एमएलए रहा हूं...क्या हम बुढ़ापे में सीख सकते हैं?'

स्पीकर ने दी चेतावनी

यादव के बयान के बीच स्पीकर ओम बिरला ने इस मामले में सदस्यों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सांसद अपना प्रश्न खुद बनाए और डालें। हमारे प्रश्न कोई भी बनाकर नहीं डाल सकता। इस विषय को लेकर आपके खिलाफ गंभीर कार्यवाही हो सकती है। उन्होंने यादव को चेताया कि वे ऑन रिकॉर्ड बोल रहे हैं। वे संसद की गरिमा को गिरने नहीं देंगे। स्पीकर के नाते यह उनकी जिम्मेदारी है। इस दौरान शोरशराबे के बीच बिरला ने पूछा कि क्या सदस्य खुद अपने प्रश्न नहीं बनाते। इस दौरान टीएमसी के सुदीप बंदोपाध्याय ने यादव की बात का समर्थन करते हुए कहा कि सदस्य स्वीकार कर रहा है कि वह कम्प्यूटर नहीं जानता। टीएमसी के ही कल्याण बनर्जी के हार्डकॉपी देने की व्यवस्था का उल्लेख किया तो स्पीकर ने कहा कि सदस्य ऑनलाइन ही नहीं, हार्डकॉपी भी दे सकते हैं।