
सिडनी. ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों को ब्रह्मांड में एक ‘क्वेसार’ (आकाशगंगाओं के केंद्र में पाया जाने वाला अत्यधिक चमकीला खगोलीय पिंड) का पता चला है, जो हमारे सूर्य से 500 ट्रिलियन गुना ज्यादा चमकीला है। यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी (ईएसओ) के वेरी लार्ज टेलीस्कोप (वीएलटी) के जरिए इसकी पहचान की गई। खगोलविदों ने इसे ब्रह्मांड में अब तक देखा गया सबसे चमकीला खगोलीय पिंड करार दिया है। क्वेसार पृथ्वी से इतना दूर है कि उसके प्रकाश को पहुंचने में 12 अरब साल लगते हैं।नेचर एस्ट्रोनॉमी जर्नल में छपे शोध के मुताबिक जे-0529-4351 नाम के क्वेसार का ब्लैक होल अपूर्व दर से बढ़ रहा है। यह प्रतिदिन एक सूर्य के बराबर पदार्थ निगल रहा है। इस विशालकाय ब्लैक होल का द्रव्यमान 17 अरब सूर्यों के बराबर है। शोध के मुख्य लेखक और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (एएनयू) के खगोलविद क्रिश्चियन वुल्फ के मुताबिक क्वेसार अत्यंत विशाल आकाशगंगा में उच्च वेग से घूमती गैस से संचालित होता है।
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से तेज रोशनी
ब्लैक होल में जैसे-जैसे धूल और गैस गिरती है, वह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन पैदा करता है। इससे तेज रोशनी पैदा होती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जे-0529-4351 न सिर्फ चमक के मामले में पिछले सभी रेकॉर्ड तोड़ता है, बल्कि यह बेहद तेजी से बड़ा भी हो रहा है। यह जिस आकाशगंगा में है, उसके सभी तारों की कुल रोशनी के मुकाबले इसकी रोशनी ज्यादा है।
पहले गलती से समझ लिया था तारा
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह क्वेसार 1980 से दिखाई देता रहा है, लेकिन बेहद चमकीला होने के कारण इसे गलती से तारा समझ लिया गया था। पिछले साल एएनयू के 2.3 मीटर व्यास वाले टेलीस्कोप के जरिए इसके क्वेसार होने की पुष्टि हुई। अब ईएसओ के वीएलटी की मदद से पता चला कि यह सबसे चमकीला क्वेसार है।
Published on:
29 Aug 2024 12:27 am
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