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डिवाइस ने सुनी इंसान के मन की आवाज, भाषा में भी बदला

क्या सोचते हो : चीन में ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस तकनीक के दो सफल परीक्षण

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बीजिंग. चीन के वैज्ञानिकों को ऐसा डिवाइस तैयार करने में कामयाबी मिली है, जो इंसान के मन की आवाज सुन सकता है। तकनीक के मामले में अमरीका-जापान जैसे देशों से मुकाबला कर रहे चीन ने ऐलान किया कि उसके स्टार्टएप ‘न्यूरोएक्सेस’ ने अपने ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (बीसीआइ) डिवाइस के दो सफल परीक्षण किए हैं। पहले परीक्षण में डिवाइस ने पता लगाया कि मरीज क्या सोच रहा है, जबकि दूसरे परीक्षण में उसके विचारों को रियल टाइम में चीनी भाषा में डिकोड किया।

चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल अगस्त में शंघाई की फुडान यूनिवर्सिटी से जुड़े हुआशान हॉस्पिटल के न्यूरो सर्जन्स ने मिर्गी की मरीज युवती (21) के दिमाग में 256 चैनल का लचीला बीसीआइ डिवाइस इंस्टॉल किया था। इसका मकसद मरीज के दिमाग के मोटर एरिया में मौजूद ट्यूमर को ठीक करना था। दिसंबर में डिवाइस के जरिए उसके विचार 142 चीनी अक्षरों के रूप में सामने आए। एक अक्षर की डिकोडिंग में 100 मिलीसेकंड से भी कम समय लगा।

दिमाग के इशारे समझना बेहद रोमांचक

न्यूरोएक्सेस की टीम ने मरीज के दिमाग से हाई-गामा बैंड के इलेक्ट्रोकोर्टिकोग्राम सिग्नल्स निकाले। इन्हें समझने के लिए न्यूरल नेटवर्क मॉडल तैयार किया गया। इस तकनीक ने 60 मिलीसेकंड से कम समय में सटीक नतीजे दिए। ऑपरेशन के कुछ ही मिनटों में दिमाग के कार्यात्मक क्षेत्रों का नक्शा तैयार कर लिया गया। टीम ने कहा, दिमाग के इशारों को बीसीआइ डिवाइस से समझना बेहद रोमांचक रहा।

सॉफ्टवेयर को कंट्रोल कर सकेंगे रोगी

न्यूरोएक्सेस के वैज्ञानिकों का कहना है कि बीसीआइ तकनीक के जरिए मरीज अब अपने दिमाग से सॉफ्टवेयर को कंट्रोल कर सकते हैं, वस्तुओं को हिला सकते हैं, एआइ मॉडल्स के साथ बातचीत कर सकते हैं और बोलकर डिजिटल अवतार को कंट्रोल कर सकते हैं। यह तकनीक गंभीर मरीजों के विचार जानने में मददगार साबित हो सकती है।