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इस भारतीय इंजीनियर ने बनाया था अमरीका का बी-2 बॉम्बर, अब 32 साल की जेल काट रहा

कम ही लोग जानते होंगे कि इस खतरनाक फाइटर एयरक्राफ्ट के स्टेल्थ प्रोपल्शन सिस्टम को भारतीय मूल के अमरीकी एयरोस्पेस इंजीनियर नोशिर गोवाडिया ने डिजाइन किया था।

नई दिल्ली. ईरान के परमाणु ठिकानों पर 14 हजार किलो वजनी जीबीयू-57 बम गिराए जाने के बाद अमरीकी बी-2 स्टेल्थ बॉम्बर (B-2 Bomber) चर्चा में है। कम ही लोग जानते होंगे कि इस खतरनाक फाइटर एयरक्राफ्ट के स्टेल्थ प्रोपल्शन सिस्टम को भारतीय मूल के अमरीकी एयरोस्पेस इंजीनियर नोशिर गोवाडिया (Noshir Gowadia) ने डिजाइन किया था। इससे भी बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि चीन को इसका डेटा लीक करने के आरोप में नोशिर अमरीकी जेल में 32 साल की सजा काट रहे हैं। नोशिर पर आरोप था कि उन्होंने चीन के अलावा जर्मनी, इजरायल और स्विटजरलैंड को भी स्टील्थ प्रोपल्शन सिस्टम से जुड़ी जानकारी बेची थी। रिपोर्टों के अनुसार चीन के लंबी दूरी के स्टील्थ बॉम्बर एच-20 भी गोवाडिया की साझा की गई जानकारी के आधार पर विकसित किया गया। 11 अप्रेल 1944 को मुंबई के एक पारसी परिवार में जन्मे नोशिर 19 वर्ष की उम्र में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने अमरीका चले गए और 1969 में यहां की नागरिकता ले ली। एक साल बाद ही उन्होंने अमरीकी स्टेल्थ बी-2 बॉम्बर बनाने वाली कंपनी नॉथ्रॅप जॉइन कर ली। 1986 में कंपनी छोडकऱ उन्होंने मैक्सिको में एक डिफेंस कंसल्टिंग फर्म शुरू की, लेकिन इसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी गई।

चीन से 91 लाख रुपए लेने का आरोप
रिपोर्ट के अनुसार फाइटर जेट डिजाइन करने के दौरान नौसिर पर 2003 से 2005 के बीच ‘कैच ए मंकी’ नामक मिशन के तहत चीन की यात्रा करने का आरोप था। रिपोर्टों में पता चला कि उन्हें एक लाख 10 हजार डॉलर (लगभग 91 लाख रुपए) दिए गए थे। 2005 में उनकी गिरफ्तारी के साथ ही उनके खिलाफ लंबा मुकदमा चला। अमरीकी वायुसेना की वेबसाइट के अनुसार 2010 में गोवाडिया को 17 में से 14 संघीय आरोपों में दोषी ठहराया गया और 2011 में 32 साल जेल की सजा सुना दी। अभियोजक पक्ष ने दावा किया कि गोवाडिया के कृत्य से अमरीकी सुरक्षा को कमजोर किया। जबकि बचाव पक्ष का तर्क था कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा साझा किया था। उन्हें देशद्रोही के रूप में नहीं, एक इंजीनियर के रूप में देखा जाए।