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टीओआइ-1846बी : वैज्ञानिकों ने ढूंढी पानी से भरपूर ‘सुपर अर्थ’, यहां सिर्फ चार दिन का वर्ष

वैज्ञानिकों को मानना है कि टीओआइ-1846बी की सतह का तापमान करीब 568 केल्विन (लगभग 295 डिग्री सेंटीग्रेट) है, जो जीवन के लिए अनुकूल नहीं है।

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नई दिल्ली. ब्रह्मांड अनंत रहस्यों से भरा हुआ है और दूसरे ग्रहों पर जीवन इंसान के लिए हमेशा कौतूहल का विषय रहा है। वैज्ञानिकों ने सौरमंडल से दूर नई ‘सुपर अर्थ’ की खोज की है। यह हमारी पृथ्वी से लगभग दोगुनी है और चार गुना ज्यादा भारी है। वैज्ञानिकों ने इसे टीओआइ-1846बी (TOI-1846 B) नाम दिया है। पृथ्वी से करीब 154 प्रकाश वर्ष दूर इस ग्रह पर भरपूर पानी के संकेत मिले हैं, इसके बावजूद यहां जीवन की संभावना बेहद कम है। इसकी वजह इसका गर्म वातावरण है। वैज्ञानिकों को मानना है कि टीओआइ-1846बी की सतह का तापमान करीब 568 केल्विन (लगभग 295 डिग्री सेंटीग्रेट) है, जो जीवन के लिए बिल्कुल अनुकूल नहीं है। हालांकि अभी इसके वातावरण का संपूर्ण अध्ययन बाकी है। इस सुपर अर्थ की खोज मोरक्को के औकाइमेडेन लैब के खगोलविदों की टीम ने नासा के टेस (ट्रांजिटिंग एक्सप्लोनेट सर्वे सैटेलाइट) मिशन की मदद से खोजा है।

कैसी है टीओआइ-1846बी
खोज करने वाली वैज्ञानिकों की टीम का मानना है कि यह ग्रह 7.2 अरब वर्ष पुराना है और इस पर पानी का बड़ा भंडार है। टीओ-1846बी नाम का यह तारा जिसकी परिक्रमा करता है, वह सूर्य के आकार का लगभग 40 फीसदी है और भार भी 0.42 सौर द्रव्यमान है। यानी सूर्य से काफी छोटा है। इसकी उम्र 7.2 अरब वर्ष बताई जाती है। वैज्ञानिकों ने ग्रह के बारे में जानने के लिए टेस के अलावा ग्राउंड बेस्ड कलर फोटोग्राफी, हाई रिजॉल्यूशन इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपिक का इस्तेमाल किया है।

इस साल खोजी गई दूसरी सुपर अर्थ
इस वर्ष के शुरू में वैज्ञानिकों ने एचडी 20794 डी नामक सुपर अर्थ खोजी थी, जो पृथ्वी से छह गुना भारी है। इसकी सतह पर पानी का अनुमान है। यह पृथ्वी से 20 प्रकाश वर्ष दूर है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका ऑर्बिट पृथ्वी की तरह गोल नहीं है, ऐसे में यहां जीवन की संभावना कम है।