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UGC: यूजीसी ने विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइन की जारी, जानिए भारत में कैंपस स्थापित करने के लिए क्या नियम करने होंगे फॉलो?

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विदेशी विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों के कैंपसों को भारत में खोलने की तैयारी पूरी कर ली है। इस संदर्भ में गुरुवार को यूजीसी के चेयरमैन प्रो एम जगदीश कुमार ने ड्राफ्ट गाइडलाइन जारी की हैं। इस गाइडलाइन में विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में अपना कैंपस स्थापित करने से पूर्व किन नियमों को फॉलो करना होगा और कार्यप्रणाली को किस तरीके से संचालित करना होगा। यह सब जानकारी दी गई हैं।

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UGC: यूजीसी ने विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइन की जारी, जानिए भारत में कैंपस स्थापित करने के लिए क्या नियम करने होंगे फॉलो?

यूजीसी ने विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए ड्राफ्ट गाइडलाइन की जारी। यूजीसी चेयरमैन प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा कि देश में विदेशी शिक्षण संस्थानों को कैंपस स्थापित करने से पूर्व यूजीसी से लेनी होगी स्वीकृति।

विश्व के टॉप 500 विदेशी विश्वविद्यालय खोल सकेंगे कैंपस

प्रो एम जगदीश कुमार ने इन ड्राफ्ट गाइडलाइन को मीडिया से साझा करते हुए कहा कि विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में अपना कैंपस स्थापित करने से पूर्व यूजीसी से स्वीकृति लेनी होगी। इस स्वीकृति के लिए उन्हें यूजीसी के सभी तय नियमों पर खरा उतरना होगा। उन कैंपस में भारतीय छात्रों के साथ विदेशी छात्र भी पढ़ाई कर सकेंगे। वहीं, विदेशी विश्वविद्यालयों की दाखिला नियमों पर उन्होंने कहा कि इसके लिए वो अपनी प्रक्रिया अपना सकते हैं। उन्होंने बताया कि विश्व की टॉप 500 विदेशी विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में आने वाले संस्थानों को ही यहां कैंपस खोलने की अनुमति दी जाएगी। यहां वो रेगुलर कोर्सेज कराएंगे इसलिए उनकी फैकल्टी भी रेगुलर होंगी। कैंपस में महिला सुरक्षा और रैगिंग को लेकर राज्य व यूजीसी की गाइडलाइन फॉलो करनी होगी। उन्हें भारतीय कानूनों को ही लागू करना होगा। साथ ही विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में स्थापित अपने कैंपस में यह पुष्टि करनी होगी कि उनकी पढ़ाई की गुणवत्ता उनके मेन कैंपस जैसी ही है।

'उच्च शिक्षा का बदलेगा स्वरूप'

प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा कि देश में विदेशी विश्वविद्यालयों व उच्च शिक्षण संस्थानों के कैंपस खुलने से उच्च शिक्षा का स्वरूप बदलेगा। छात्रों को इसका बहुत लाभ मिलेगा। ड्राफ्ट गाइडलाइन के तहत विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों को अपना दाखिले व फीस स्ट्रक्चर से जुड़ा प्रोसपेक्टस एडमिशन प्रक्रिया शुरू होने से 60 दिन पहले जारी करना होगा। इसमें एडमिशन से जुड़ी जानकारी, विभिन्न कोर्स में सीटों की संख्या, विभिन्न कोर्स में निर्धारित क्वालिफिकेशन एलिजिबिलिटी का ब्योरा देना होगा।