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नेपाल की नदी का पानी बुझाएगा राजस्थान की प्यास

- हरियाणा, उत्तरप्रदेश और गुजरात को मिलेगा फायदा- शारदा-यमुना-राजस्थान-साबरमती लिंक परियोजना की फिजिबल रिपोर्ट तैयार

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Chambal River Master Plan....राजस्थान और मध्यप्रदेश मिलकर बनाएंगे चम्बल नदी का मास्टर प्लान

Chambal River Master Plan....राजस्थान और मध्यप्रदेश मिलकर बनाएंगे चम्बल नदी का मास्टर प्लान

विवेक श्रीवास्तव
नई दिल्ली। केंद्र सरकार नदियों को जोड़कर राजस्थान, हरियाणा और गुजरात के लिए बड़ी पेयजल योजना लाने की तैयारी में है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने इस परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर ली है। नदियों के एकत्रीकरण के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट शारदा-यमुना-राजस्थान-साबरमती लिंक प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत करीब एक लाख करोड़ बताई जा रही है। इस परियोजना से उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात को सबसे ज्यादा लाभ होगा।

जलशक्ति मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, भारत-नेपाल सीमा के हिमालय क्षेत्र में बहने वाली शारदा नदी को यमुना नदी से जोड़ा जाएगा। केंद्र सरकार ने नदी जोड़ो योजना में यमुना से जोड़ने के लिए शारदा नदी को चिन्हित किया है। योजना के मुताबिक, आगामी 15 से 20 वर्षों में राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और गुजरात की जनता को पेयजल मिलेगा और जमीन भी सिंचित होगी।

भारत की ओर से नेपाल में पंचेश्वर नदी पर बांध परियोजना पूर्ण होने पर अगले चरण में इस योजना पर चर्चा की जाएगी। नदियों को जोड़ने की परियोजना की लंबाई 1835 किलोमीटर के करीब है। नदियों जोड़कर हिमालय की नदियों के व्यर्थ बहने वाले पानी को जरूरतमंद प्रदेशों की ओर मोड़ने का प्रयास किया जाएगा। शारदा-यमुना-राजस्थान-साबरमती लिंक परियोजना से नेपाल को काफी बिजली मिलेगी। शारदा के अलावा घाघरा नदी को भी यमुना से जोड़ने के लिए चिन्हित किया गया है। नदियों को जोड़ने की योजना 1980 में तैयार की गई थी।

इस योजना के तहत नेपाल में शारदा नदी पर 5 जलाशय बनाकर ज्यादा पानी उत्तराखंड से यमुना नदी में लाया जाएगा। इसके बाद नहर के जरिए पानी को राजस्थान की सुकड़ी नदी तक पहुंचाया जाएगा। सुकड़ी नदी के पानी को साबरमती नदी से जोड़ा जाएगा। सुकड़ी का उद्गम स्थल पाली जिले की पहाड़ियों में है, यह पाली, जालौर से बाड़मेर जिले के समदड़ी में लूनी नदी में मिलती है।

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