वित्त मंत्री रहते हुए जेटली ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर कई बड़े फैसले भी लिए, जिनमें GST भी शामिल है। छात्र जीवन से ही जेटली काफी मेधावी थे और विद्यार्थी परिषद में रहते हुए आपातकाल के दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। हम आपको अरुण जेटली के बारे में कुछ ऐसी ही बातें बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे।
अरुण जेटली कॉलेज के दिनों से ही ABVP से जुड़े थे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्याल के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से स्नातक की डिग्री ली है। कॉलेज के दिनों में ही जेटली राजनीति में सक्रिय हो गए थे। लेकिन, जब देश में आपातकाल लगा तो उन्होंने अपनी राजनीति चमकानी शुरू कर दी।
देश में सरकार विरोधी नेताओं की लगातार गिरफ्तारी हो रही थी। अरुण जेटली पर भी पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया और 25 जून, 1975 को रात के दो बजे जो हुआ उसके बारे में जेटली भी कभी नहीं सोचे थे।
उस रात जेटली के घर का दरवाजा जोर-जोर से खटखटाया गया। अचानक उनके पिता महाराज कृष्ण जेटली किसी से बहस करने लगे। तेज आवाजों से युवा अरुण जेटली की नींद खुली। उन्होंने देखा कि उनके पिता दरवाजे पर खड़े होकर पुलिसवालों से बहस कर रहे थे। जेटली को समझते देर नहीं लगी कि पुलिस उन्हें पकड़ने आई है।
वे गिरफ्तारी से बचने के लिए पिछले दरवाजे से भाग निकले। वहीं, जेटली की चर्चाएं होने लगी और देखते ही देखते कुछ सालों में जेटली बीजेपी के कद्दावर नेता बन गए।