9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

IRAN कौन हैं अयातुल्ला अली खामेनेई, जिसके खून का प्यासा बना है इजरायल

85 साल के खामेनेई को 1989 में ईरान के संस्थापक रूहोल्लाह खुमैनी की मृत्यु के बाद सुप्रीम लीडर चुना गया था। एक हादसे में एक हाथ और एक आंख की रोशनी गंवाने के बावजूद वह ईरान के सबसे ताकतवर व्यक्ति बने हुए हैं।

2 min read
Google source verification

नई दिल्ली. ईरान के शीर्ष वैज्ञानिक और सेना प्रमुख को मारने के बाद अब अयातुल्ला अली खामेनेई (Ayatollah Ali Khamenei) इजरायल के निशाने पर हैं। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू यह कहकर इरादे जाहिर कर दिए हैं कि खामेनेई को मारने के बाद संघर्ष खत्म हो जाएगा। जानिए कौन हैं ईरान के सर्वोच्च नेता खामेनेई?

ईरान के सबसे शक्तिशाली नेता
खामेनेई ईरान के सुप्रीम लीडर (Supreme Leader) हैं। सैन्य व्यवस्था से लेकर अर्थव्यवस्था तक पूरे देश में उनकी मंजूरी के बिना पत्ता तक नहीं हिलता। ईरान के सुप्रीम लीडर सशस्त्र बलों के कमांडर इन चीफ होते हैं। सुप्रीम लीडर ही ईरान की घरेलू और विदेश नीति तय करते हैं। 85 साल के खामेनेई को 1989 में ईरान के संस्थापक रूहोल्लाह खुमैनी की मृत्यु के बाद सुप्रीम लीडर चुना गया था। एक हादसे में एक हाथ और एक आंख की रोशनी गंवाने के बावजूद वह ईरान के सबसे ताकतवर व्यक्ति बने हुए हैं।

खुमैनी के आंदोलन से जुड़े, जेल भी गए
खामेनेई 1962 में मोहम्मद रेजा पहलवी के खिलाफ खुमैनी के आंदोलन में शामिल हुए। कई बार जेल भी जाना पड़ा। साल 1979 में इस्लामी क्रांति (Islamic Revolution) के बाद पहलवी के हटने के बाद अंतरिम सरकार बनी तो खामेनेई को इसमें जगह मिली। उप रक्षा मंत्री सहित कई अहम पद संभाले। एक अमरीकी रिपोर्ट के अनुसार खामेनेई के पास 200 बिलियन डॉलर की प्रॉपर्टी है।

अकूल संपत्ति के मालिक
एक अमरीकी रिपोर्ट के अनुसार खामेनेई के पास 200 बिलियन डॉलर की प्रॉपर्टी है। खामेनेई के कमाई का अधिकांश हिस्सा पेट्रोलियम और गैस की कंपनियों से आता है। इसके बाद उन्हें चंदा भी मिलता है।

इजरायल क्यों बना जान का दुश्मन
सत्ता में आने के बाद से खामेनेई ने गाजा में हमास (Hamas), लेबनान में हिजबुल्लाह(Hezbollah) और इराक में हूती (Houthi ) आंदोलन को धार दी। इन विद्रोही गुटों के पीछे रहकर ईरान इस्लामी आंदोलन को आगे बढ़ाता रहा। इसी के चलते ईरानी शासन द्वारा समर्थित समूहों को कुचलने के लिए इजरायल ने हमले शुरू किए और तनाव बढ़ा।