
World Environment Day 2022
World environment day 2022 एक स्वच्छ पर्यावरण में एक स्वस्थ मनुष्य का विकास होता है। इसलिए अपने पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखना हमारी प्रथामिक जिम्मेदारी है। पर्यावरण का सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है, लेकिन दौड़ती भागती जिंदगी व आधुनिक जीवन शैली को अपनाकर हमने अपने पर्यावरण को खतरे में डाल दिया है। दुनिया को इन खतरों से अवगत कराने के लिए व लोगों से इसकी देखभाल करने का संदेश देने उद्देश्य से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
इस दिन लोगों से अपील की जाती है कि वह अपने आस-पास के प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित बनाए रखने के लिए कदम उठाए। वैसे तो हम सब का कर्तव्य है कि हम अपने पर्यावरण स्वच्छ बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहे। आज लोग तरह-तरह की बिमारियों का शिकार हो रहे हैं, जिसका कारण जीवन शैली के साथ-साथ प्रदूषित होता हमारा पर्यावरण भी है। आज हमारे पास पर्याप्त मात्रा में ना पीने योग्य शुद्ध जल है और ना ही सांस लेने के लिए शुद्ध हवा है, उसके बाद भी हम पर्यावरण की सुरक्षा की तरफ एक भी सकारात्मक कदम नहीं उठा रहे हैं। इसका परिणाम भविष्य में बहुत ही घातक हो सकता है।
विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम
इस साल विश्व पर्यावरण दिवस की थीम "ओनली वन अर्थ" यानी की 'केवल एक पृथ्वी' है। 1972 में स्टॉकहोम में सम्मेलन हुआ, जिसमें ओनली वन अर्थ नारा ही दिया गया था। इसके बाद से वार्षिक वैश्विक कार्यक्रम की शुरूआत हुई। इसी सम्मेलन को 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में इस बार विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी स्वीडन कर रहा है।
विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है। दुनिया भर में लगातार प्रदूषण बढ़ता जा रहा है जिससे पर्यावरण व हमारे जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है। 5 जून 1972 को संयुक्त राष्ट्र ने विश्व पर्यावरण दिवस की नीव रखी थी, जिसके बाद हर साल इस दिन को विश्व विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। पहली बार 5 जून 1972 में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में मनाया गया था, जिसमें लोगों को पर्यावरण को बचाने के लिए जागरूक किया गया था।
पर्यावरण से जुड़ी कुछ रोचक बातें
-मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में रोजाना लगभग 27 हजार पेड़ काटे जा रहे हैं।
-धरती में कुल 71% पानी है, जिसमें केवल 1% ऐसा पानी है जो हम यूज कर सकते हैं।
-78% समुद्री जीवों को प्लास्टिक से दम घुटने का खतरा है।
- धरती पर चीटियों का कुल वजन मनुष्य के कुल वजन से ज्यादा है।
- दुनिया में 7 अरब लोग हैं और लगभग 100 ट्रिलियन चीटियां हैं।
-एक कांच के बोलत को सड़ने में लगभल 1 मिलियन साल का समय लगता है यानी कि 5 हजार साल पहले यूज की गई बोतल आज भी पर्यावरण में मौजूद हो सकती है।
Published on:
05 Jun 2022 06:12 am
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