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21वीं सदी का सॉफ्टवेयर, 20वीं सदी के टाइपराइटर से नहीं चलेगाः मोदी

ब्राजील: 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री रियो डी जेनिरो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जेनिरो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। आधुनिक कला संग्रहालय में आयोजित इस सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा, नए सदस्य देश मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई, इंडोनेशिया और […]

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जयपुर

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Nitin Kumar

Jul 08, 2025

BRICS Summit 2025 India Stand on US Tariffs and Israel Conflict

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स में आतंकवाद का मुद्दा उठाएंगे। (फोटो: X Handle MyGovIndia)

ब्राजील: 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में बोले प्रधानमंत्री

रियो डी जेनिरो. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जेनिरो में आयोजित 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। आधुनिक कला संग्रहालय में आयोजित इस सम्मेलन में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा, नए सदस्य देश मिस्र, इथियोपिया, ईरान, यूएई, इंडोनेशिया और सऊदी अरब भी शामिल हुए।

सम्मेलन के पहले पूर्ण सत्र में पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ की समस्याओं पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा, 'विकास, संसाधनों के वितरण और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर ग्लोबल साउथ दोहरे मापदंडों का शिकार रहा है।' उन्होंने जलवायु वित्त, सतत विकास और तकनीकी पहुंच जैसे विषयों पर भी विकसित देशों के रवैये की आलोचना की।

प्रधानमंत्री ने वैश्विक संस्थाओं की पुरानी संरचना पर सवाल उठाते हुए कहा, 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में वैश्विक संस्थाएं 80 वर्षों से अपडेट नहीं हुईं, जो स्वीकार्य नहीं है। 21वीं सदी का सॉफ्टवेयर 20वीं सदी के टाइपराइटर से नहीं चल सकता।'

पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, डब्ल्यूटीओ और बहुपक्षीय विकास बैंकों में व्यापक सुधार की मांग करते हुए कहा कि ये बदलाव केवल प्रतीकात्मक न हों, बल्कि वास्तविक सत्ता संरचना और नेतृत्व में परिलक्षित हों। उन्होंने जोर देकर कहा, 'ग्लोबल साउथ के देशों की चुनौतियों को नीति-निर्माण में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।' उन्होंने समय के साथ ब्रिक्स में हुए विस्तार को ब्लॉक की क्षमता का प्रमाण बताया। उन्होंने आगे कहा, 'भारत ने हमेशा अपने हितों से ऊपर उठकर मानवता के हित में काम करना अपना कर्तव्य माना है।'