केंद्र सरकार ने डाक विभाग सहित केंद्रीय कर्मचारियों को मिलने वाले ड्रेस अलाउंस के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब जुलाई 2025 के बाद नियुक्त होने वाले नए कर्मचारियों को यह भत्ता अनुपातिक (प्रो-रेटा बेसिस) पर मिलेगा। वित्त मंत्रालय ने 24 मार्च 2025 को इस संबंध में संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिन्हें संचार मंत्रालय के डाक विभाग ने 16 जून 2025 को लागू करने का निर्देश दिया है।
16 जून के सर्कुलर में कम्युनिकेशन मिनिस्ट्री ने कहा है कि अब तक ड्रेस अलाउंस हर साल जुलाई में एकमुश्त सालाना राशि के तौर पर दिया जाता था। लेकिन अब अगर कोई कर्मचारी जुलाई के बाद सेवा में शामिल होता है, तो उसे उस वर्ष के लिए केवल उतने ही महीनों का भत्ता मिलेगा जितनी सेवा उसने जुलाई से अगले साल जून तक दी है। यह रकम तय करने के लिए एक फॉर्मूला है।
Dress Allowance = (सालाना रकम ÷ 12) × सेवा के महीनों की संख्या (जुलाई से अगले जून तक)
उदाहरण के तौर पर, अगर कोई कर्मचारी अक्टूबर 2025 में नियुक्त होता है और ड्रेस अलाउंस की वार्षिक राशि 10,000 है, तो उसे अक्टूबर 2025 से जून 2026 तक 9 महीनों का अनुपातिक ड्रेस अलाउंस (10,000÷12 × 9 =7,500 रुपया) मिलेगा।
Dress Allowance एक तय सालाना भुगतान है जो सरकार कुछ श्रेणियों के कर्मचारियों को उनके आधिकारिक कर्तव्यों के लिए आवश्यक वर्दी या विशिष्ट पोशाक की धुलाई करने के लिए देती है। 7वें वेतन आयोग के तहत शुरू किए गए इस भत्ते ने धुलाई, वर्दी और किट रखरखाव भत्ते जैसे कई पिछले भत्तों की जगह ले ली है। कर्मचारी की भूमिका के आधार पर रकम अलग-अलग होती है। उदाहरण के लिए रक्षा, अर्धसैनिक बलों या डाक सेवाओं में कर्मियों को ज्यादा भत्ते मिल सकते हैं। इसका भुगतान आम तौर पर पूरे साल का एकसाथ जुलाई में किया जाता है।
जिन कर्मचारियों की सेवा जुलाई 2025 के बाद समाप्त हो रही है, उनके लिए फिलहाल पहले के नियम ही लागू रहेंगे। यानी,
अगर कर्मचारी दिसंबर के बाद रिटायर होता है तो पूरे साल का ड्रेस अलाउंस मिलेगा। अगर वह दिसंबर तक रिटायर होता है तो उसे आधा ड्रेस अलाउंस मिलेगा। हालांकि इस पर अंतिम स्पष्टता के लिए डाक विभाग ने वित्त मंत्रालय से अलग से गाइडेंस मांगा है।
सरकार का मानना है कि ड्रेस अलाउंस का तर्कसंगत और पारदर्शी होना जरूरी है, खासकर उन मामलों में जहां कर्मचारी पूरे वर्ष की सेवा नहीं कर पाते। अनुपातिक भुगतान से सरकार पर अनावश्यक वित्तीय भार कम होगा और व्यवस्था अधिक न्यायसंगत होगी।
यह बदलाव खास तौर पर डाक विभाग, आर्मी पोस्टल सर्विस और संबंधित निदेशालयों में नए भर्ती कर्मचारियों पर असर डालेगा। विभाग ने इस आदेश को सभी पोस्ट मास्टर जनरल और सभी प्रशिक्षण केंद्रों को भेजा है।
Updated on:
18 Jun 2025 02:03 pm
Published on:
17 Jun 2025 06:18 pm