केंद्र सरकार के 1.2 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी-पेंशनर 8वें वेतन आयोग की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं। उन्हें संदेह है कि क्या 7वें वेतन आयोग की रफ्तार की तरह ही 8th Pay Commission लागू हो पाएगा। नए वेतन आयोग की सिफारिशें के लागू होने का समय जनवरी 2026 तय है। लेकिन जानकार बताते हैं कि आयोग के गठन की घोषणा तो हो गई है पर कई जरूरी काम बचे हैं, जिनके होने के बाद ही समय सीमा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
ऑल इंडिया अकाउंट्स कमेटी के महासचिव एचएस तिवारी की मानें तो Pay Commission के इतिहास में 7वां वेतन आयोग ही ऐसा रहा है, जो तय किए गए समय में लागू हो पाया। हालांकि उसमें थोड़ा विलंब हुआ था, लेकिन यह इकलौता वेतन आयोग था, जिसने सबसे कम समय में अपनी सिफारिशें सरकार को भेज दी थीं।
तिवारी ने बताया कि 7th Pay Commission में वेतन पुन:निर्धारण की महत्वपूर्ण धुरी कहे जाने वाले Terms of Reference पहले ही बन गया था। इसके बाद सरकार ने तय किया था कि आयोग को डेढ़ साल के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपनी है। 7वें वेतन आयोग ने किया भी वैसा ही। उसने समय सीमा पूरी होने से करीब दो महीना पहले ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। इसके बाद सरकार ने फौरी एक्शन लेते हुए इसे लागू कर दिया।
तिवारी बताते हैं कि किसी भी वेतन आयोग में Terms of Reference और कमिशन अध्यक्ष व सदस्य तय होने के बाद समय सीमा का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन 8th Pay Commission में कई महत्वपूर्ण काम अटके हैं। इनके फाइनल होने के बाद ही समय सीमा का अनुमान लगाया जा सकता है। जनवरी 2026 तक नए वेतनमान के लागू होने में संदेह है।
तिवारी ने यह भी कहा कि पहले सरकारी कामकाज मैनुअल होता था। लेकिन सूचना प्रौद्योगिकी की क्रांति के बाद आयोग के लिए रिपोर्ट तैयार करने का काम आसान हुआ है। ऐसे में लोगों से राय लेने के बाद रिपोर्ट फाइनल करने में समय थोड़ा कम लगता है। 8th Pay Commission को भी इसका फायदा मिलेगा।
Updated on:
17 Jun 2025 06:24 pm
Published on:
16 Jun 2025 09:55 pm