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Ahmedabad: लुप्त होने के कगार पर पहुंचे पक्षियों के अवैध व्यापार का पर्दाफाश

-लुप्त होने के कगार पर पहुंचे 34 इंडियन स्टार टोरटॉइस, 101 रोज रिंग पैराकीट तोते किए जब्त, वन विभाग ने शुरू की जांच -अहमदाबाद ग्रामीण एसओजी, वन विभाग की टीम ने शहर के शाहपुर, दिल्ली चकला क्षेत्र में दी दबिश

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India star tortoise

Ahmedabad. लुप्त होने के कगार पर पहुंचे पशु-पक्षियों का अहमदाबाद शहर में अवैध रूप से व्यापार होने का खुलासा हुआ है। अहमदाबाद ग्रामीण पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की टीम ने अहमदाबाद सामाजिक वनीकरण विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर शहर के शाहपुर और दिल्ली चकला क्षेत्र में अलग-अलग घरों में दबिश दी।दबिश के दौरान लुप्त होने के कगार पर पहुंचे और व्यापार के लिए प्रतिबंधित 34 इंडियन स्टार टोरटॉइस तथा 101 रोज रिंग पैराकीट (सुडा पोपट-तोता) को बरामद किया है। इन सभी को जब्त करते हुए अहमदाबाद वन विभाग की टीम ने मामले की जांच शुरू की है।

अहमदाबाद वन विभाग के सूत्रों ने सोमवार को जानकारी दी कि अहमदाबाद शहर के शाहपुर और दिल्ली चकला क्षेत्र में अवैध रूप से ऐसे पशु,पक्षियों का व्यापार हो रहा है, जो वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1 और दो में शामिल हैं। उन्हें बेचने पर प्रतिबंध है। उसके बावजूद भी इनका व्यापार किया जा रहा है।इस सूचना के आधार पर अहमदाबाद ग्रामीण एसओजी और अहमदाबाद वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों की दो अलग -अलग टीमें गठित की गईं।

शाहपुर के घर से मिले कछुए, दूसरे घर से तोते

एक टीम ने 23 नवंबर को शाहपुर में कीडी पाडा की पोल स्थित एक घर में पुख्ता सूचना पर दबिश दी। घर से 34 इंडियन स्टार टोरटॉइस जब्त किए गए। ये वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 1972 के तहत अनुसूची-1 में शामिल हैं। इन सभी कछुओं पिंजरे में कैद हालत में पाया गया। वहीं दूसरी टीम ने शाहपुर में गुंडी चौक में जांच करने पर यहां के एक घर से 101 तोते (रोज रिंग पैराकीट -सुडा पोपट) बरामद हुए। ये सभी पिंजरे में कैद थे। यह तोते भी वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 1972 की अनुसूची-2 में शामिल हैं। इनका व्यापार करना भी प्रतिबंधित है। इन सभी कछुओं और तोतों को जब्त कर लिया है। आगे की जांच के लिए इन्हें वन विभाग को सौंप दिया है। वनविभाग की दसक्रोई रेंज में स्थित वाइल्ड लाइफ केयर सेंटर बोडकदेव में इन सभी को रखा गया है। इस मामले में वन विभाग की टीम ने जांच शुरू की है।

तीन से सात साल तक की कैद का है प्रावधान

सूत्रों के तहत वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत, अनुसूची 1 में शामिल पशुओं, पक्षियों के व्यापार पर कम से कम 3 साल की कैद और 10,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है, जिसे 7 साल तक बढ़ाया जा सकता है। यह जुर्माना पहली बार अपराध करने पर है, और दूसरी या बाद के अन्य अपराधों पर सजा कम से कम 3 साल से बढ़ाकर 7 साल तक और जुर्माना भी कम से कम 25,000 रुपये हो सकता है।