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अमावस्या का दिन तंत्र शक्ति प्राप्ति का सबसे बेहतरीन दिन, इस दिन ये अचूक उपाय दिलाएगा मनचाही सफलता

Amavasya को तंत्र-मन्त्र सिद्धि के लिए सबसे उपयुक्त दिन माना जाता है। इस दिन तांत्रिक अपने लिए नए प्रयोग और तंत्र सिद्धियां प्राप्त करते हैं।

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Deovrat Singh

Jan 28, 2018

 Amavasya Ke Totke

Amavasya Ke Totke

Amavasya को तंत्र-मन्त्र सिद्धि के लिए सबसे उपयुक्त दिन माना जाता है। इस दिन तांत्रिक अपने लिए नए प्रयोग और तंत्र सिद्धियां प्राप्त करते हैं। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे ही अचूक उपाय बताने जा रहे हैं जिनके करने मात्र से ही असर दिखने लगेगा।

पितृ पक्ष के अंतिम दिन अर्थात सर्वपितृ अमावस्या को सनातन धर्म में पितरों की तिथि माना गया है। ज्योतिष तथा धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन घर के पितरों को संतुष्ट करने से व्यक्ति का बड़े से बड़ा दुर्भाग्य भी नष्ट हो जाता है। पितरों की कृपा से व्यक्ति न केवल लगातार तरक्की करता चला जाता है वरन उसकी घर-परिवार, समाज तथा आस-पास के माहौल में प्रतिष्ठा भी बढ़ने लगती है।

आइए आज जानते हैं ऐसे ही दो उपायों के बारे में जिन्हें करना बहुत आसान तो है ही लेकिन ये उसी दिन से असर दिखाना आरंभ कर देते हैं और व्यक्ति को सौभाग्य तथा सफलता के सर्वोच्च शिखर पर ले जाते हैं।

Amavasya Ke Totke
अमावस्या को किसी पीपल के वृक्ष की पूजा करें तथा पेड़ को जनेऊ व अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु के मंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें। इससे श्रीहरि तथा मां महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और घर की सभी परेशानियां दूर होकर धन, सुख-संपत्ति आनी आरंभ हो जाती है।

Amavasya Ke Upay
पितृपक्ष के अंतिम दिन अर्थात सर्वपितृ अमावस्या के दिन में किसी भी समय, स्टील के लोटे में, दूध, पानी, काले और सफ़ेद तिल एवं जौ मिला ले, इसके साथ कोई भी सफेद मिठाई, एक नारियल, कुछ सिक्के, तथा एक जनेऊ लेकर पीपल वृक्ष के नीचे जाकर सर्व प्रथम लोटे की समस्त सामग्री पीपल की जड़ में अर्पित कर दे। इस दौरान लगातार "ॐ सर्व पितृ देवताभ्यो नमः" का जाप करते रहे। इसके पश्चात निम्न मंत्र को पड़ते हुए पीपल पर जनेऊ अर्पित करे ।

ॐ प्रथम पितृ नारायणाय नमः

तत्पश्चात पीपल के वृक्ष के नीचे मिठाई, दक्षिणा तथा नारियल रखकर दो अगरबत्ती जलाकर "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" का जप करते हुए सात बार परिक्रमा करें। अंत में भगवान विष्णु से प्रार्थना करे कि "मुझ पर और मेरे पूरे वंश पर आपकी तथा हमारे पितरों की सदैव कृपा बनी रहे।"

इस उपाय से व्यक्ति को पितरों की कृपा प्राप्त होती है और उसे जीवन के सभी क्षेत्रों में मनचाही सफलता प्राप्त होती है।