
alwar ke sariska century ka board
- सेंचुरी लाइन से 10 किमी के दायरे में कोई कॉमर्शियल गतिविधियां नहीं होंगी संचालित
- सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कुछ समय पहले ही 91 खानें सीटीएच से एक किमी तक हुई थीं बंद
सरिस्का के आसपास संचालित खानों पर संकट के बादल फिर मंडरा सकते हैं। सरिस्का का इको सेंसेटिव जोन (ईएसजेड) जैसे ही घोषित होगा तो सेंचुरी लाइन से 10 किमी के दायरे में कई और भी खानें आएंगी, जिन्हें बंद करना होगा। वहीं खान संचालक भी सुप्रीम कोर्ट में अपने हितों के लिए केस लड़ रहे हैं।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किए थे कि सरिस्का क्रिटिकल टाइगर हैबीटेट (सीटीएच) से एक किमी तक कोई भी खान संचालित नहीं होंगी। सरकार को आदेश आए तो प्रशासन ने 91 खानों पर ताला लगा दिया। अब प्रदेश सरकार व केंद्र इको सेंसेटिव जोन बनाने की तैयारी कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की एम्पावर्ड कमेटी से यह पास हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट की मुहर लगना बाकी है। बताते हैं कि अगले माह तक यह कार्य पूरा हो सकता है। उसके बाद सेंचुरी लाइन से लेकर 10 किमी के दायरे में जो भी गतिविधियां संचालित होंगी, वह स्वत: ही बंद हो जाएंगी। झिरी की कुछ खानों के पास राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अनुमति नहीं होने पर पूर्व में डीएफओ सरिस्का ने कई पत्र खान विभाग को लिखे। कहा कि इनके रवन्ने जारी न किए जाएं। बताते हैं कि इसके बाद भी खानें चल रही हैं। खान संचालकों का तर्क है कि उनके पास पूरे अभिलेख हैं। कोर्ट में मामला चल रहा है।
झिरी से लेकर अजबगढ़ की खानें भी दायरे में आ सकती
झिरी एरिया भी इसी के दायरे में आने की संभावना है। यहां संचालित खानों के पास राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अनुमति नहीं है। अजबगढ़ एरिया में भी खानों की दूरी सरिस्का सीटीएच से नापी गई तो कुछ खानों की दूरी 1200 से लेकर 1500 मीटर तक मिली। बताते हैं कि ये एरिया भी ईएसजेड बनने के बाद लपेटे में आएगा। खान विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक कई खानें बंद करा दी गई हैं। आगे जो आदेश आएंगे उसका पालन होगा।
कॉमर्शियल गतिविधियां ऐसे लपेटे में आएंगी
पूर्व डीएफओ विजय सिंह कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का यही आदेश अन्य कॉमर्शियल गतिविधियों पर लागू होता है। चाहे वह होटल हों या फिर रेस्टोरेंट, रिसॉर्ट। प्रशासन व वन विभाग को उनको भी बंद कराना चाहिए। राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की अनुमति जिनके पास नहीं हो, उन्हें बंद कर देना चाहिए। मानव जनित गतिविधियों से वन्यजीव विचलित होंगे।
Published on:
20 Jul 2024 11:20 am
बड़ी खबरें
View Allसमाचार
ट्रेंडिंग
