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आकाश में ग्रहों का अद्भुत नजारा : जानिये इस दुर्लभ घटना का असर!

14 जुलाई को बृहस्पति, 16 जुलाई को प्लूटो और 20 जुलाई को शनि से होने जा रहा है पृथ्वी का सामना...

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Great effects on earth due to jupiter and saturn between 14 to 21 july2020

Great effects on earth due to jupiter and saturn between 14 to 21 july2020

आसमान में बदल रही ग्रहों की चाल के बीच आगामी 7 दिनों में हमारे सौरमंडल के दो प्रमुख व विशालकाय ग्रह हमारी पृथ्वी के ठीक सामने आने जा रहे हैं। एक ओर जहां जानकार इसे एक खगोलीय घटना बता रहे हैं। वहीं ज्योतिष के जानकार इस स्थिति से होने पड़ने वाले प्रभावों का आंकलन करते दिख रहे हैं।

विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के अनुसार आगामी 7 दिनों में पृथ्वी का सौर परिवार के दो विशालकाय ग्रहों बृहस्पति/गुरु, शनि और परित्याग किए गए क्षुद्रग्रह प्लूटो से सामना होने जा रहा है। इसके तहत सबसे पहले 14 जुलाई 2020, मंगलवार को सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह जुपिटर/बृहस्पति पृथ्वी के ठीक सामने होगा, वहीं इसके ठीक बाद 16 जुलाई को क्षुद्रग्रह प्लूटो और 20 जुलाई को सेटर्न यानि शनि पृथ्वी की ठीक सीध में होगा।

जानें ज्योतिष के अनुसार इसका प्रभाव...
वहीं ज्योतिष के जानकार सुनील शर्मा के अनुसार ग्रहों की चाल की गणना जहां एक ओर वह किस घर में है इसे लेकर की जाती है, वहीं ग्रहों का ऐसे समाने आना तकरीबन हर साल होता है। लेकिन, इस बार गुरु व शनि जैसों ग्रहों का पृथ्वी के ठीक सामने इतने कम समय में आना कई तरह के संकेत देता दिख रहा है।

पंडित शर्मा के अनुसार जैसे हम ग्रहणों या ज्वार भाटा के तहत चंद्र व सूर्य का प्रभाव पृथ्वी पर देखते व दिखाते हैं। ठीक ऐसे ही ज्योतिष के अनुसार अन्य ग्रह भी अलग अलग तरह से पृथ्वी को प्रभावित करते हैं।

: पं. शर्मा के अनुसार एक ओर जहां 14 जुलाई, मंगलवार को बृहस्पति यानि देवगुरु पृथ्वी के ठीक सामने होंगे, ऐसे में ये अपना सात्विक प्रभाव दिखाते हुए लोगों को शांत कर सकते हैं। वहीं इस दौरान यह विद्या के कारक होने के चलते आगामी चंद दिनों में किसी विशेष खोज के भी कारण बन सकते हैं।

: वहीं इसके ठीक बाद 16 जुलाई, गुरुवार को प्लूटो का आना, ज्यादा प्रभावित करता नहीं दिखता, इस दिन कर्क संक्रांति भी होने के चलते सूर्य का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलेगा। वैसे भी ज्योतिष में प्लूटो का अस्तित्व शून्य बराबर ही है।

: लेकिन सबसे गंभीर स्थिति 20 जुलाई, सोमवार को होती दिख रही है, क्योंकि इस दिन शनि पृथ्वी के सामने होंगे। लेकिन इस दिन सोमवार (चंद्र) होने के चलते शनि का प्रभाव लोगों को काफी उत्तेजित कर सकता है। जिसके चलते इस दिन स्थिति विष के समान बनने की संभावना है। जबकि कुछ जानकारों के अनुसार ये तो सच है कि इस दिन स्थिति काफी हद तक गंभीर रहने का अनुमान है, लेकिन सावन माह होने के साथ ही सावन का तीसरा सोमवार होने के कारण चंद्र के योग से विष निर्माण होता कम ही दिख रहा है।

विज्ञान में यह एक खगोलीय घटना : अपोजीशन
वहीं ग्रहों की बन रही इस स्थिति के मामले में विज्ञान प्रसारक (नेशनल अवार्ड प्राप्त) सारिका घारू का कहना है कि पृथ्वी के इन ग्रहों और सूर्य के बीच में आकर एक सीध में आने की खगोलीय घटना अपोजीशन कहलाती है। पृथ्वी द्वारा 365 दिन में सूर्य की परिक्रमा करने से साल में सभी बाहरी ग्रह कभी न कभी सीध में आते ही हैं, लेकिन सात दिन के अंदर दो विशालग्रहों एवं एक क्षुद्रग्रह का सीध में आना दुर्लभ घटना है।

जानें इन खगोलीय घटानाओं का समय...
बृहस्पति : सारिका ने बताया कि जुपिटर एट अपोजिशन की घटना में 14 जुलाई को दिन में 1 बजकर 16 मिनिट की स्थिति में बृहस्पति, पृथ्वी और सूर्य तीनों एक सीध में होंगे जिसमें पृथ्वी बीच में होगी। इस घटना में शाम को जब पश्चिम में सूर्य अस्त हो रहा होगा तो उसी समय 7 बजकर 43 मिनिट पर पूर्व में जुपिटर यानि बृहस्पति उदित हुआ दिख रहा होगा। वहीं मध्यरात्रि में 12 बजकर 28 मिनिट पर यह साल में आपके सबसे पास होगा। इसके बाद सुबह 5 बजकर 9 मिनिट पर यह दिखना बंद होते हुए अस्त हो जाएगा।

इस समय बृहस्पति की दूरी: पृथ्वी से सूर्य की दूरी की 4.14 गुना होगी और वह माईनस 2.7 मैगनीट्यूड से चमक रहा होगा। ऐसे में किसी बाइनाकुलर की मदद से इसे इसके चार मून के साथ देखा जा सकेगा।

प्लूटो:- वहीं 16 जुलाई को सौरमंडल से परित्याग किया गया क्षुद्र ग्रह प्लूटो ,पृथ्वी और सूर्य सुबह 07 बजकर 47 मिनिट पर एक सीध में होंगे।

शनि :- वहीं इसके बाद यानि बृहस्पति के सामने आने के एक सप्ताह के अंदर ही 20-21 जुलाई की मध्यरात्रि 03 बजकर 44 मिनिट पर शनि और पृथ्वी एक सीध में आ जाएंगे।

सारिका के अनुसार इतनी कम अवधि में इन दो बडे ग्रहों के पृथ्वी की सीध में आने की घटना इसके पहले सन 2000 में हुई थी जब पृथ्वी 19 नवम्बर को सेटर्न और 28 नवम्बर को जुपिटर की सीध में आई थी, लेकिन तब अंतर इस बार से अधिक 9 दिन का था।