
अस्पताल
गुजरात सरकार का मुख्यमंत्री राहत कोष (सीएमआरएफ) पिछले पांच वर्षों में राज्य के हजारों जरूरतमंद नागरिकों के लिए जीवन रक्षक सुरक्षा-कवच बना है।
वर्ष 2021 से 2025 के बीच सीएमआरएफ के तहत कैंसर से जूझ रहे 2,106 मरीजों को 31.55 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। इनमें ब्लड कैंसर और बोन मैरो ट्रांसप्लांट के 450 मरीज शामिल हैं, जबकि अन्य प्रकार के कैंसर से पीड़ित 1,656 मरीजों को भी आर्थिक मदद की गई। यह सहायता इन परिवारों के लिए जीवन बदलने वाली साबित हुई है, क्योंकि उनके लिए महंगे उपचार को कराना संभव नहीं था।
सीएमआरएफ का उद्देश्य ऐसे मरीजों को जीवन रक्षक चिकित्सा उपलब्ध कराना है, जिनकी वार्षिक आय 4 लाख रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के लिए 6 लाख रुपये) से कम है। इस संबंध में जांच और फिर मंजूरी के बाद स्वीकृत राशि सीधे अस्पताल या मरीज के खाते में भेजी जाती है, जिससे उपचार में कोई बाधा न आए। इस कोष से प्राकृतिक आपदाओं, दुर्घटनाओं के समय भी राहत दी जाती है।
लिवर, किडनी और हृदय प्रत्यारोपण में भी मदद
कैंसर उपचार के अलावा मुख्यमंत्री राहत कोष से लिवर, किडनी, हृदय और फेफड़ों के प्रत्यारोपण जैसे महंगे और जटिल उपचारों में भी आर्थिक सहायता दी जा रही है। अहमदाबाद के गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (जीसीआरआई), राजकोट के नाथालाल पारिख कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट, सूरत के भारत कैंसर हॉस्पिटल, किरण मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल और एशियन अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ हीमैटोलॉजी एंड मेडिकल साइंसेज़ जैसे प्रमुख संस्थान इस सहायता व्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
इन अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं और सीएमआरएफ की मदद से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में समय पर उपचार मिल रहा है। यह व्यवस्था राज्य सरकार की संवेदनशीलता और नागरिकों की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत रूप से दर्शाती है।
Published on:
14 Dec 2025 08:28 pm
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