जोन-3 एसीपी तुषार सिंह ने बताया कि 22 जून को एमपीपीएससी का पेपर था। पेपर लीक होने के संबंध में आयोग ने 23 जून को संयोगितागंज थाने में केस दर्ज कराया। जांच के आधार पर झुंझुनू (राजस्थान) के 16 वर्षीय नाबालिग को पकड़ा। वह 10वीं का छात्र है। पूछताछ के लिए पुलिस उसे इंदौर लेकर आई है। छात्र के पिता भी साथ आए। बाल अपचारी ने बताया कि एमपीपीएससी का पेपर होने वाला था। उस दौरान उसने टेलीग्राम पर पीएससी पेपर लीक 2024 नाम से ग्रुप बनाया था। जिसने भी संबंधित दिनांक को पीएससी के संबंध में टेलीग्राम पर सर्च किया, उसे उस ग्रुप का पता चला। छात्र ने टेलीग्राम पर संपर्क करने वाले अज्ञात अभ्यर्थियों और लोगों को अपना नंबर दिया था। उस नंबर पर कई लोगों ने संपर्क किया। पेपर के लिए उसने लोगों से कहा कि अज्ञात नाम…16 नाम से आइडी बनाई है। उस आइडी पर पेपर देने की बात कही। जब लोग संपर्क करते तो छात्र उनसे पेपर के एवज में ढाई हजार रुपए की मांग करता। छात्र ने लोगों से पैसा लेने के लिए टेलीग्राम ग्रुप पर क्यूआर कोड भी डाला। किसी ने 500 तो किसी ने 2 हजार तक पेमेंट किया। जिन लोगों ने पेमेंट किए, उन्हें छात्र ने ब्लॉक कर दिया। छात्र ने पुलिस को बताया कि इसी तरह उसने नीट की परीक्षा के संबंध में टेलीग्राम पर ग्रुप बनाकर पेपर देने के नाम पर पैसे मांगे थे। वह मध्यप्रदेश में किसी को नहीं जानता है। सोशल मीडिया से जानकारी प्राप्त करता है।
सीबीआइ, ईडी ने की पूछताछ एसीपी ने बताया कि जांच में छात्र ने बताया कि उसने नीट के पेपर के लिए ऐसा ही ग्रुप बनाया था। इस संबंध में सीबीआइ उससे जून में पूछताछ कर चुकी है। ईडी ने भी जुलाई में उससे पूछताछ की है।
———– एक दिन पूछताछ के बाद नोटिस पर छोड़ा एसीपी सिंह ने बताया कि बाल अपचारी को एक दिन की पूछताछ के लिए लाए थे। उसने पेपर लीक से जुड़े ग्रुप के बारे में जानकारी दी है, लेकिन उसने अपने पास पेपर नहीं होने की बात भी कही। उसने केवल लोगों से पैसा ऐंठने के लिए ग्रुप बनाने की बात स्वीकार की है। ऑनलाइन पैसा लेने की जानकारी उसने यूट्यूब से मिलना बताई। इस काम के लिए उसने फर्जी सिम का इस्तेमाल किया। इस आधार पर उसने टेलीग्राम ग्रुप और यूपीआइ आइडी बना ली। छात्र को नोटिस देकर छोड़ा है। जल्द कोर्ट में चालान पेश करेंगे। गौरतलब है कि आयोग के अधिकारियों ने पेपर लीक की बात से इनकार किया। 23 जून को पेपर होने के बाद आयोग ने ओरिजनल पेपर से उसका मिलान किया तो वायरल पेपर गलत निकला। इसके बाद आयोग ने संयोगितागंज थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।