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कोरोना संक्रमण: इस दिन से शुरु होगा समाप्ति का सफर, जानें बचाव के कुछ खास ज्योतिषीय उपाय

अभी ऐसे मिलेगी राहत...

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Corona infection will come down from this date in india

Corona infection will come down from this date in india

कोरोना संक्रमण में चलते आज हर ओर कोरोना की चर्चा आम हो गई है। ऐसे में हर कोई जानना चाहता है कि इससे निजाद कब मिलेगी। ऐसे में जहां डॉक्टर आदि इसकी वैक्सीन की खोज में लगे हैं, वहीं ज्योतिष भी ग्रहों की दशा व गति पर नजर बनाए हुए हैं। जिससे इसके निजाद का तरीका व समय का पता चल सके।

ज्योतिष में इस संक्रमण को लेकर निकाले जा रहे आंकलन के संबंध में ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा, वीडी श्रीवास्तव सहित कुछ अन्य जानकारों का मत है कि देश में मध्य अगस्त के बाद से कोरोना की समाप्ति का समय शुरु हो जाएगा।

इसके तहत करीब 16 अगस्त से 26 अगस्त के बीच यह दौर शुरू होने की संभावना है। जानकारों के अनुसार मुमकिन है, इस दौरान कोई वैक्सीन इसके अंत का कारण बने, लेकिन सितंबर अंत तक इसके अपने निम्न स्तर पर आने की संभावना है। वहीं इसके खात्मे का दौर अगस्त से शुरु हो जाएगा।

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इस संबंध में कुछ ज्योतिष के जानकारों का तथ्य ये भी है कि सूर्य देव 16 अगस्त 2020 को अपनी ही राशि सिंह में प्रवेश कर रहें हैं और जहां तक कोरोना की बात है तो ये भी दिसंबर 2019 के सूर्यग्रहण से शुरु हुआ था। यानि इसका बहुत बड़ा कारण सूर्य से भी जुड़ा हुआ है।

इसके अलावा एक ओर खास बात ये भी है कि 16 अगस्त यानि जिस दिन सूर्य अपनी ही राशि में प्रवेश कर रहे हैं वह दिन रविवार है यानि सूर्य के ही आधिपत्य का दिन, ऐसे में सूर्य का प्रभाव कोरोना की निष्क्रियता या खात्मे का कारण बनता दिख रहा है...

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वहीं ज्योतिष के जानकार पंडित शर्मा के अनुसार जब तक इसका कहर जारी है, तब तक दुर्गा सप्तशती के कुछ मंत्रों की मदद से हम राहत पाने की उम्मीद कर सकते हैं...

मंत्र :प्राणापानौ तथा व्यानमुदानं च समानकम्।
वज्रहस्ता च मे रक्षेतत्प्राणं कल्याणशोभना।।

: रसे रुपे च गन्धे च शब्दे स्पर्शे च योगिनी।
सत्त्वं रजस्तमश्चैव रक्षेन्नारायणी सदा।।

मंत्र :नासिकायां सुगन्धा च उत्तरोष्ठे च चर्चिका।
अधरे चामृतकला जिह्वायां च सरस्वती।।

मंत्र :दन्तान रक्षतु कौमारी कण्ठदेशे तु चण्डिका।
घण्टिकां चित्रघण्टा च महामाया च तालुके।।

: कामाक्षी चिबुकं रक्षेद् वाचं मे सर्वमंड्गला।
ग्रीवायां भद्रकाली च पृष्ठवंशे धनुर्धरी।।

: नीलग्रीवा बहि:कण्ठे नलिकां नलकूबरी।
स्कन्धयो: खड्गिनी रक्षेद् बाहू मे वज्रधारिणी।।

मंत्र :स्तनौ रक्षेन्महादेवी मन: शोकविनाशिनी।
ह्दये ललिता देवी उदरे शुलधारिणी।

मंत्र :पद्मावती पद्मकोशे कफे चूडामणिस्तथा।
ज्वालामुखी नखज्वालामभेद्या सर्वसंधिषु।।

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वहीं जानकारों का ये भी मत है कि चूंकि सूर्य का एक राशि में चक्र करीब 1 माह का का होता है, ऐसे में सूर्य का 16 अगस्त 2020 में अपनी राशि सूर्य में प्रवेश के एक माह बाद तक यानि करीब 16 सितंबर तक कोरोना में लगातार कमी का दौर जारी रहने की संभावना है। वहीं इसके बाद सूर्य के कन्या में प्रवेश के साथ ही बुध के घर से बुध की मदद करते हुए ये ही कोरोना के काल का कारण बन सकते हैं।

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