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राजस्थान में अब भी 7 संभाग व 33 जिले, जानें क्या है माजरा

राजस्थान की सरकारी स्कूल के बच्चे इस साल भी प्रदेश में 33 जिले और सात संभाग ही पढ़ेंगे। राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा कक्षा 6 की पुस्तक हमारा राजस्थान में संशोधन नहीं किए जाने की वजह से ऐसा होगा। जिसके राजस्थान एक परिचय नाम के पहले पाठ में ही राजस्थान के पुराने नक्शे के साथ […]

सीकरMay 19, 2024 / 11:44 am

Sachin


राजस्थान की सरकारी स्कूल के बच्चे इस साल भी प्रदेश में 33 जिले और सात संभाग ही पढ़ेंगे। राजस्थान पाठ्य पुस्तक मंडल द्वारा कक्षा 6 की पुस्तक हमारा राजस्थान में संशोधन नहीं किए जाने की वजह से ऐसा होगा। जिसके राजस्थान एक परिचय नाम के पहले पाठ में ही राजस्थान के पुराने नक्शे के साथ संभागों व जिलों की पुरानी संख्या व नाम ही प्रकाशित है। ऐसे में शिक्षकों में भी इस बात को लेकर गफलत पैदा हो गई है कि उन्हें बच्चों को राजस्थान का वर्तमान स्वरूप पढ़ाना है या पुराना।


अब 10 संभाग व 50 जिले


कक्षा छह के पाठ्यक्रम से इतर प्रदेश में संभागों की संख्या अब 10 व जिलों की संख्या 50 हो चुकी है। पिछले साल बजट में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीन नए संभागों व 17 नए जिलों की घोषणा की थी। इनमें सीकर, बांसवाड़ा व पाली को नए संभाग बनाए गए थे। वहीं, अनूपगढ़, बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, नीमकाथाना व फलौदी, सलूम्बर, सांचौर व शाहपुरा को शामिल किया गया था। हालांकि इसके बाद अक्टूबर में सुजानगढ़, मालपुरा व कुचामन सिटी की घोषणा भी पूर्व मुख्यमंत्री ने की थी। पर अधिसूचना जारी नहीं होने पर वे अब तक अधिकृत जिले नहीं बन सके हैं।

मतदान की प्रक्रिया भी पढ़ेंगे बच्चे

राजस्थान के बच्चे इस बार चुनावी ज्ञान भी हासिल करेंगे। पाठ्यक्रम में इस बार ईवीएम व वीवीपेड के साथ मतदान की प्रक्रिया को भी शामिल किया है। इसके अलावा शिक्षा का अधिकार अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम, चाइल्ड हेल्पलाइन, संपर्क पोर्टल व साइबर क्राइम जैसे विषयों के बारे में भी बच्चों को जानकारी दी जाएगी।

इनका कहना है:

हम तो बच्चों की संख्या के हिसाब से केवल किताबों की मांग भेजते हैं। जिसके हिसाब से मिलने वाली किताबों को हम स्कूलों तक पहुंचा देते हैं। पाठ्यक्रम आगे से ही तय होता है। ये भी संभव है कि संशोधित सामग्री अलग से भिजवाई जाए।
संगीता कुमारी, प्रभारी, पाठ्य पुस्तक मंडल, सीकर।

पाठ्यक्रम ने नए सत्र से पहले ही शिक्षकों को असमंजस में डाल दिया है। अब ये समझ नहीं आ रहा है कि बच्चों को राजस्थान का नया नक्शा पढ़ाना है या प्रदेश का पुराना स्वरूप ही बताना है। शिक्षा विभाग को इस संबंध में जल्द ही स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
दानसिंह बीरड़ा, शिक्षक।

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