मोदी दाहोद में 20 हजार करोड़ रुपए की लागत से निर्मित रेलवे प्रोडक्शन यूनिट में 9000 हॉर्सपावर के पहले लोकोमोटिव इंजन का लोकार्पण करेंगे। पीपीपी मॉडल पर तैयार इस रेल कारखाने में 10 वर्ष में 1200 इंजन तैयार किए जाएंगे। फिलहाल 4 इंजन तैयार हो रहे हैं। इन सभी इंजनों पर ‘मेन्यूफैक्चरिंग बाय दाहोद’ लिखा जाएगा। भविष्य में ये इंजन देश-विदेश में एक्सपोर्ट किए जाएंगे।
लोकोमोटिव में होगा एसी और टॉयलेट भी ये लोकोमोटिव इंजन आगामी समय में 100 प्रतिशत मेक इन इंडिया की तर्ज पर बनाए जाएंगे। इस लोकोमोटिव इंजन की विशेषता यह है कि ये 4600 टन के कार्गो को वहन करने की क्षमता रखते हैं। इंजन में पहली बार चालक के लिए एसी तथा टॉयलेट रखे गए हैं। दुर्घटना से बचने के लिए कवर सिस्टम पहले से ही लगाए गए हैं।
दस हजार को मिलेगा रोजगार इस प्रोजेक्ट के चलते दाहोद सहित आसपास के क्षेत्रों में प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 10 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। इसके चलते पावर सेक्टर, इंजीनियरिंग सेक्टर की छोटी-बड़ी कंपनियों के लिए इन वस्तुओं की आपूर्ति करने का अवसर पैदा होगा।
9000 एचपी के 6 एक्सल वाले इलेक्ट्रिक इंजन की औसत गति 75 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। पश्चिम बंगाल के खड़गपुर, आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम, छत्तीसगढ़ के रायपुर और महाराष्ट्र के पुणे डिपो में इन इंजनों का मैंटेनेंस किया जाएगा।