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Deepawali 2020: इस धनतेरस और दिवाली पर जरूर अपनाएं ये उपाय, गरीबी हो जाएगी दूर

धनतेरस इस बार 13 नवंबर, शुक्रवार और दीपावली 14 नवंबर अक्टूबर, शनिवार को है। धनतेरस के दिन देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेरदेव और दीपावली पर धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

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Deepawali 2020 : These 10 things buy on the day of dhanteras

Deepawali 2020 : These 10 things buy on the day of dhanteras

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस व अमावस्या को दीपावली का पर्व मनाया जाता है। ये दोनों ही दिन धन संबंधी उपाय करने के लिए स्वयंसिद्ध मुहूर्त है। इस बार धनतेरस 13 नवंबर, शुक्रवार व दीपावली 14 नवंबर, शनिवार को है।

सामान्यत: हर साल दिवाली धनतेरस के दो दिन बाद यानि दीपावली पर्व के तीसरे दिन आती है, लेकिन इस बार दिवाली धनतेरस के ठीक अगले दिन पड़ रही है। इसका कारण यह है कि इस साल अमावस्या तिथि 14 नवंबर से प्रारंभ होकर 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। ऐसे में दिवाली 14 नवंबर को मनाई जाएगी। चूंकि दीपावली अमावस्या तिथि की रात और लक्ष्मी पूजन अमावस्या की शाम को होता है, इसलिए 14 नवंबर को ही महालक्ष्मी पूजन किया जाएगा।

ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, इस बार 14 नवंबर को यानि शनिवार के दिन शनि का स्वराशि मकर में होना सभी के लिए लाभकारी रहेगा। इसके अलावा 17 साल बाद दिवाली सर्वार्थ सिद्धि योग में सेलिब्रेट की जाएगी। इसके पहले ऐसा शुभ मुहूर्त साल 2003 में बना था।

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धनतेरस के दिन देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेरदेव तथा दीपावली पर धन की देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस व दीपावली के दिन किया गया दान, हवन, पूजन व उपायों का फल अक्षय (संपूर्ण) होता है। तंत्र शास्त्र के अनुसार, अगर इस दिन कुछ विशेष उपाय किए जाएं या कुछ विशेष वस्तुओं को घर में रखा जाए तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और उपाय करने वाले को मालामाल भी कर सकती हैं।

दिवाली 2020 पर लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त-

लक्ष्मी पूजा मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:28 से शाम 7:24 तक।

सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 14 नवंबर की शाम 5:49 से 6:02 बजे तक।

प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:33 से रात 8:12 तक।

वृषभ काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:28 से रात 7:24 तक।

लक्ष्मी पूजा 2020: चौघड़िया मुहूर्त...

दोपहर: 14 नवंबर की दोपहर 02:17 से शाम को 04:07 तक।

शाम: 14 नवंबर की शाम को 05:28 से शाम 07:07 तक।

रात्रि: 14 नवंबर की रात 08:47 से देर रात 01:45 तक।

प्रात:काल: 15 नवंबर को सुबह 05:04 से 06:44 तक।

गृहस्थों के लिए लक्ष्मी पूजा 2020 मुहूर्त-

सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:49 से 6:02 बजे तक।

प्रदोष काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:33 से रात्रि 8:12 तक।

वृषभ काल मुहूर्त: 14 नवंबर की शाम 5:28 से रात्रि 7:24 तक।

सिंह लग्न मुहूर्त: 14 नवंबर की मध्य रात्रि 12:01 से देर रात 2:19 तक।

व्यापारियों के लिए लक्ष्मी पूजा मुहूर्त

सर्वश्रेष्ठ अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:09 से शाम 04:05 तक।

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अपार धन की प्राप्ति हर मनुष्य की चाहत होती है। सिर्फ चाहने से धन नहीं मिलता उसके लिए मन में तड़प होना भी जरूरी है। पंडित सुनील शर्मा के अनुसार अपार धन प्राप्ति के लिए शुद्ध आचरण और शुद्ध विचार का होना भी जरूरी है। जानकारों से बातचीत के आधर पर दरिद्रता, गरीबी या कर्ज से छुटकारा पाकर धनवान बनने के लिए यहां हम आपको बता रहे हैं कुछ खास उपाय,जिन्हें आजमाकर आप भी धनवान बन सकते हैं। जानिए धनतेरस व दिवाली के ये उपाय..

1. धनतेरस या दीपावली की शाम को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करें और उसके बाद मां लक्ष्मी के चरणों में सात लक्ष्मीकारक कौडिय़ां रखें। आधी रात के बाद इन कौडिय़ों को घर के किसी कोने में गाड़ दें। इस प्रयोग से शीघ्र ही आर्थिक उन्नति होने के योग बनेंगे।

2. धन लाभ चाहने वाले लोगों के लिए कुबेर यंत्र अत्यन्त सफलतादायक है। धनतेरस या दीपावली के दिन बिल्व-वृक्ष के नीचे बैठकर इस यंत्र को सामने रखकर कुबेर मंत्र को शुद्धता पूर्वक जाप करने से यंत्र सिद्ध होता है और यंत्र सिद्ध होने के पश्चात इसे गल्ले या तिजोरी में स्थापित किया जाता है। इसके स्थापना के पश्चात् दरिद्रता का नाश होकर, प्रचुर धन व यश की प्राप्ति होती है।
मंत्र : ऊँ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन्य धन्याधिपतये धन धान्य समृद्धि में देहित दापय स्वाहा।।

3. धनतेरस या दीपावली पर महालक्ष्मी यंत्र का पूजन कर विधि-विधान पूर्वक इसकी स्थापना करें। यह यंत्र धन वृद्धि के लिए अधिक उपयोगी माना गया है। कम समय में ज्यादा धन वृद्धि के लिए यह यंत्र अत्यन्त उपयोगी है। इस यंत्र का प्रयोग दरिद्रता का नाश करता है। यह स्वर्ण वर्षा करने वाला यंत्र कहा गया है। इसकी कृपा से गरीब व्यक्ति भी एकाएक अमीर बन सकता है।

4. पुराने चांदी के सिक्के और रुपयों के साथ कौड़ी रखकर उनका लक्ष्मी पूजन के समय केसर और हल्दी से पूजन करें। पूजा के बाद इन्हें तिजोरी में रख दें। इस उपाय से बरकत बढ़ती है।

5. धनतेरस या दीपावली की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कामों से निपट कर किसी लक्ष्मी मंदिर में जाएं और मां लक्ष्मी को कमल के फूल अर्पित करें और सफेद रंग की मिठाई का भोग लगाएं। मां लक्ष्मी से धन संबंधी समस्याओं के निवारण के लिए प्रार्थना करें। कुछ ही समय में आपकी समस्या का समाधान हो सकता है।

6. धनतेरस या दीपावली की शाम को घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं। बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें, साथ ही दीए में थोड़ी सी केसर भी डाल दें। इस उपाय से भी धन का आगमन होने लगता है।

7. धनतेरस या दीपावली को विधिवत पूजा के बाद चांदी से निर्मित लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति को घर के पूजा स्थल पर रखना चाहिए। इसके बाद प्रतिदिन इनकी पूजा करने से घर में कभी धन की कमी नहीं होती और घर में सुख-शांति भी बनी रहती है।

8. श्रीकनकधारा धन प्राप्ति व दरिद्रता दूर करने के लिए अचूक यंत्र है। इसकी पूजा से हर मनचाहा काम हो जाता है। यह यंत्र अष्टसिद्धि व नवनिधियों को देने वाला है। इसका पूजन व स्थापना भी धनतेरस या दीपावली के दिन करें।

9. धनतेरस या दीपावली की रात को शुद्धता के साथ स्नान कर पीली धोती धारण करें और एक आसन पर उत्तर की ओर मुंह करके बैठ जाएं। अब अपने सामने सिद्ध लक्ष्मी यंत्र को स्थापित करें, जो विष्णु मंत्र से सिद्ध हो और स्फटिक माला से नीचे लिखे मंत्र का 21 माला जाप करें। मंत्र जाप के बीच उठे नहीं, चाहे घुंघरुओं की आवाज सुनाई दे या साक्षात लक्ष्मी ही दिखाई दे।

मंत्र -ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं ऐं ह्रीं श्रीं फट्

मान्यता है कि इस टोटके को विधि-विधान पूर्वक संपन्न करने से धन की देवी मां लक्ष्मी प्रसन्न हो जाती हैं और साधक को मालामाल कर सकती हैं।

10. धनतेरस या दीपावली पर श्रीमंगल यंत्र का पूजन कर स्थापना करें। इस यंत्र के नियमित पूजन से शीघ्र ही सभी प्रकार के कर्जों से मुक्ति मिल जाती है। मंगल भूमि कारक ग्रह है। अत: जो इस यंत्र को पूजता है वह अचल संपत्ति का मालिक होता है।


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