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घरों से निकलने वाला गंदा पानी चंदास नदी में हो रहा समाहित, लगातार बढ़ रहा प्रदूषण

अनूपपुर. नगर के पास से गुजरने वाल चंदास नदी में घरों से निकलने वाला गंदा पानी मिल रहा है। वार्ड 4 बीएसएनएल कार्यालय के समीप वार्ड से निकलने वाली गंदगी को नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। इससे नदी का पानी लगातार प्रदूषित हो रहा है। काफी समय से गंदगी नदी में मिल रही […]

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अनूपपुर. नगर के पास से गुजरने वाल चंदास नदी में घरों से निकलने वाला गंदा पानी मिल रहा है। वार्ड 4 बीएसएनएल कार्यालय के समीप वार्ड से निकलने वाली गंदगी को नदी में प्रवाहित किया जा रहा है। इससे नदी का पानी लगातार प्रदूषित हो रहा है। काफी समय से गंदगी नदी में मिल रही है, लेकिन इसको रोकने के लिए नगर पालिका प्रशासन द्वारा कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। नगर के लोगों के लिए चंदास नदी काफी उपयोगी है। नदी के जल से जहां जानवर व मवेशी अपनी प्यास बुझाते हैं। वहीं स्थानीय लोगों व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इसके पानी का सिंचाई व निस्तार के अन्य कार्यों में इस्तेमाल करते हंै। नगर पालिका के वार्ड क्रमांक 4 बीएसएनएल कार्यालय के समीप स्थित पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक आवास के समीप से निकलने वाली नाली चिल्ड्रन पार्क से होते हुए सीधे चंदास नदी में मिल जाती है, जहां वार्ड से निकलने वाला गंदा पानी एवं दूषित सामग्री के साथ ही मल मूत्र चंदास नदी में प्रवाहित हो रहा है। इस संबंध में अपर कलेक्टर अमन वैष्णव का कहना है कि मामले की जानकारी आपसे मिली है। नगर पालिका को नदी में प्रवाहित की जा रही गंदगी को रोकने के निर्देश दिए जाएंगे।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का उदासीन रवैया

लगातार नालियों से निकलने वाला गंदा पानी तथा अपशिष्ट पदार्थ नदी में प्रवाहित होने से नदी में गंदगी तथा दूषित जल की मात्रा बढ़ती ही जा रही है, जिसको लेकर नगर पालिका का लगातार उदासीन रवैया बना हुआ है। इसके साथ ही प्रदूषण नियंत्रण विभाग भी इस समस्या पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जल स्रोतों के संरक्षण को लेकर के प्रदेश सरकार द्वारा जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया गया था, जिसके अंतर्गत जिले में भी कई जल स्रोतों की साफ सफाई की गई लेकिन जिला मुख्यालय में ही नदी में प्रवाहित की जा रही गंदगी को लेकर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।

एसटीपी लगाने अब तक कार्रवाई नहीं

नगरीय क्षेत्र में घरों से निकलने वाले गंदे पानी को उपचारित करने और नदियों में होने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने पूर्व में नगर पालिका के अधिकारियों को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए जाने को लेकर निर्देशित किया था। एसटीपी स्थापित न करने पर अर्थदंड अधि रोपित करने की भी चेतावनी जारी की गई थी , लेकिन अब तक इस पर किसी तरह का काम भी शुरू नहीं हो पाया है। इसकी वजह से वार्ड से निकलने वाली गंदगी नदी में प्रवाहित हो रही है। जबकि पड़ोसी जिले शहडोल में सीवर लाइन बिछाने का काम शुरू हो गया है।