20 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जिला सड़क सुरक्षा समिति की 5 साल में 12 बैठकें, निर्णयों पर अमल नहीं होने से कार्रवाई के नाम पर हो रही खानापूर्ति

बेलगाम यातायात को सुगम बनाने की कवायद बैठक तक सीमित पन्ना. सड़क हादसों के ग्राफ में कमी लाने और शहर के बेलगाम यातायात को सुगम बनाने जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में हर बार निर्णय लिए जाते हैं। अफसर अपने मातहतों से अमल नहीं करवा पा रहे हैं। बीते पांच साल में एक दर्जन […]

2 min read
Google source verification
बेलगाम यातायात को सुगम बनाने की कवायद बैठक तक सीमित

बेलगाम यातायात को सुगम बनाने की कवायद बैठक तक सीमित

बेलगाम यातायात को सुगम बनाने की कवायद बैठक तक सीमित

पन्ना. सड़क हादसों के ग्राफ में कमी लाने और शहर के बेलगाम यातायात को सुगम बनाने जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में हर बार निर्णय लिए जाते हैं। अफसर अपने मातहतों से अमल नहीं करवा पा रहे हैं। बीते पांच साल में एक दर्जन से अधिक बैठक हुईं। इनके निर्णय फाइल से बाहर नहीं निकल पाए। नतीजतन हालात जस के तस बने हैं। न तो हादसों का ग्राफ कम हो रहा है और न ही शहर का यातायात सुगम हो पा रहा है। जिला सड़क सुरक्षा समिति की हर बैठक के दो से तीन दिन बाद प्रशासन की संयुक्त टीम सड़क पर उतरती है। यातायात बाधित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की खानापूर्ति की जाती है, लेकिन कुछ ही दिन में वही स्थिति बन जाती है।
समस्या को लेकर जिम्मेदार नहीं गंभीर
जिला सड़क सुरक्षा समिति की बीते पांच साल में एक दर्जन से ज्यादा बैठकें हुईं। अफसरों ने मंथन कर निर्णय लिए। प्रेस रिलीज जारी करवाई गई। ऐसा लगा मानों शहर का यातायात अब सुगम होगा, सभी बाधक हटाए जाएंगे। लेकिन किसी भी बैठक के निर्णय पर अमल नहीं किया गया। इससे यातायात व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। समस्या को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन गंभीर नहीं है।
मवेशियों का शहर के अंदर जमावड़ा
शहर के अंदर के मुख्य मार्ग में मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है। इससे भी यातायात बाधित हो रहा है और लोग हादसों के शिकार हो रहे हैं। जबकि तत्कालीन कलेक्टर ने नगरीय निकाय सीमा के मार्ग से आवारा मवेशियों को हटवाने की जिम्मेदारी सीएमओ को सौंपी थी। लेकिन नगर पालिका प्रशासन द्वारा आवारा मवेशियों को मुख्य मार्ग से हटवाना तो दूर कभी प्रयास तक नहीं किए गए। सीएमओ नपा से जिला प्रशासन के आदेश का पालन नहीं करने पर अफसर कार्रवाई तो दूर सवाल तक नहीं पूछ पाए हैं।
हालात जस के तस
शहर के मुख्य मार्केट बड़ा बाजार, कटरा बाजार, कोतवाली चौक, गांधी चौक, भगवान जुगल किशोर मार्ग, कचहरी चौराहा, अजयगढ़ चौराहा, गल्ला मंडी में दिनभर जाम का झाम बना रहता है। बेतरतीब पार्किग, सड़क तक फैली दुकानों की वजह से रास्ता संकीर्ण हो जाता है, जिससे ववाहन नहीं गुजर पाते हैं। वाहन तो दूर पैदल राहगीरों को भी निकलने में परेशानी होती है। इन क्षेत्रों के चलित, अस्थाई अतिक्रमण और रास्ते तक फैली दुकानों के खिलाफ कार्रवाई का हर बार निर्णय लिया जाता है और कार्रवाई के नाम पर कोरम पूरा किया जा रहा है।
बदहाल एनएच-39 की मरम्मत तक नहीं
नेशनल हाईवे 39 में देवेन्द्रनगर से मडला तक के साइड शोल्डर क्षतिग्रस्त हैं। घाटी की रेङ्क्षलग टूटी होने, रोड की चौडाई कम होने, रोड मार्किंग न होने से यातायात बाधित हो रहा है। डामर की ऊपरी परत उखड़ गई है। जगह-जगह कुआं नुमा गहरे गड्ढे हैं। इससे हादसे भी हो रहे हैं। सुरक्षा समिति की बैठक में हर बार कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग संभाग रीवा को निर्देश दिए जाते हैं लेकिन होता कुछ नहीं है।
बीती बैठकों के अहम निर्णय
आवारा गौवंश की गौशाला में शिङ्क्षफ्टग।
बैंकों के बाहर अव्यवस्थित पार्किंग व्यवस्था ठीक करवाना।
शहर के प्रमुख चौराहों व मुख्य मार्गों पर गति अवरोधक लगवाना।
बड़ा बाजार में पार्किंग के लिए स्थल चिन्हांकन ।
सीएमओ नपा और यातायात प्रभारी द्वारा समन्वय कर बेहतर आवागमन व्यवस्था सुनिश्चित कर अभियान।
शहर के प्रमुख स्थानों पर यातायात व्यवस्था में सुधार ।
सीएमओ को प्रतिष्ठानों का निरीक्षण कर लापरवाही पाए जाने पर दुकान स्थापना अधिनियम के तहत नोटिस जारी करना।
बृजपुर-पहाड़ीखेरा मार्ग पर चलने वाली बसों को बायपास से चालाना।