6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘राजनीतिक लड़ाई के लिए कोर्ट का इस्तेमाल न करें’

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलंगाना भाजपा की याचिका खारिज करते हुए साफ कहा कि अदालतों को राजनीतिक लड़ाई का मंच न बनाया जाए। यह मामला मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के खिलाफ मानहानि से जुड़ा था। तेलंगाना भाजपा ने अपने महासचिव के माध्यम से आरोप लगाया था कि रेड्डी ने कांग्रेस के साथ मिलकर यह […]

less than 1 minute read
Google source verification

भारत

image

Nitin Kumar

Sep 10, 2025

Supreme Court Recruitment 2025

Supreme Court Recruitment 2025

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेलंगाना भाजपा की याचिका खारिज करते हुए साफ कहा कि अदालतों को राजनीतिक लड़ाई का मंच न बनाया जाए। यह मामला मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के खिलाफ मानहानि से जुड़ा था।

तेलंगाना भाजपा ने अपने महासचिव के माध्यम से आरोप लगाया था कि रेड्डी ने कांग्रेस के साथ मिलकर यह 'फर्जी नैरेटिव' गढ़ा कि भाजपा आरक्षण समाप्त कर देगी। अगस्त 2024 में निचली अदालत ने रेड्डी को नोटिस जारी किया था, जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट ने 1 अगस्त को कार्यवाही रद्द करते हुए कहा कि रेड्डी के भाषण में भाजपा की राष्ट्रीय इकाई का उल्लेख था, न कि राज्य इकाई का। साथ ही, तेलंगाना भाजपा के पास इस आधार पर मुकदमा दायर करने का अधिकार भी नहीं था।

भाजपा ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, पर प्रधान न्यायाधीश बी.आर. गवई, जस्टिस के. विनोद चंद्रन और जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर की पीठ ने हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखा। अदालत ने टिप्पणी की — 'राजनेताओं की चमड़ी मोटी होनी चाहिए। अगर आप राजनीति में हैं तो आलोचना सहने की क्षमता भी होनी चाहिए। हम बार-बार कह रहे हैं कि राजनीतिक विवाद अदालत में न लाएं।' सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चुनावी बयानबाजी और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप न्यायालय का विषय नहीं बनाए जाने चाहिए।