निगम के पास फिलहाल कोई योजना नहीं निगम ने संपत्ति कर और जलकर में वृद्धि की है। बढ़े हुए टैक्स का बजट बुधवार को पास हो गया। बढ़े हुए टैक्स पर जब विपक्ष को चर्चा करनी थी, विरोध करना था, तब वह हंगामे में व्यस्त रहा। अब बढ़े हुए टैक्स की मार एडवांस टैक्स जमा करने वाले ईमानदार खाताधारकों पर अधिक पड़ेगी, क्योंकि जिन लोगों ने पूर्व की तय राशि के अनुसार वित्तीय वर्ष का एडवांस टैक्स जमा कर दिया है, उनसे अब बढ़ी हुई राशि के अनुसार बचा हुआ टैक्स वसूला जाएगा। जैसे ही पोर्टल पर बड़े हुए टैक्स की नई राशि अपडेट हुई है, संपत्ति कर जमा कर चुके लोग भी कुछ राशि के बकायादार हो गए हैं। नगर निगम के पास फिलहाल इससे निपटने के लिए कोई योजना नहीं है।
एडवांस टैक्स जमा करने वालों की मुसीबत नगर निगम ने 15 साल बाद जलकर और संपत्तिकर में वृद्धि की है। आवासीय और गैर आवासीय संपत्ति के लिए 900 से 4 हजार तक कम से कम कर की वृद्धि एक खाते पर हुई है। अब इसी के अनुसार खाता धारकों से टैक्स वसूला जाएगा। हालांकि, इसके बाद अब उन लोगों की मुसीबत हो गई है, जिन्होंने निगम के अभियान में साथ देते हुए एडवांस टैक्स जमा कर दिया था क्योंकि खाताधारकों का टैक्स निगम का पोर्टल पहले के तय रेट से बता रहा था। अब टैक्स बढ़ने के बाद रेट जोन बदल गए हैं। इसलिए अब एडवांस टैक्स जमा करने वाले भी निगम के पोर्टल के रिकाॅर्ड के अनुसार बकायादार साबित हो गए हैं।
पोर्टल के कारण एक साल से करदाता परेशान पिछले एक साल से निगम में टैक्स जमा करने वालों की फजीहत हो रही है। इसके लिए निगम का पोर्टल जिम्मेदार है। कई खाताधारक टैक्स जमा कर चुके होते हैं, उसके बाद भी पोर्टल पर उनका रिकाॅर्ड अपडेट नहीं होता है। टैक्स जमा होने के बाद भी उनके खाते की डिमांड पोर्टल पर शो होती है। एडवांस टैक्स की ऑनलाइन राशि जमा करने वालों का पैमेंट भी कई दिनों तक शो नहीं होता था। हालांकि, अब नगर निगम ने नए पोर्टल का काम शुरू कर दिया है।
निगम ने अभियान चलाया… छूट और इनाम का ‘लालच’ भी दिया एडवांस टैक्स जमा करने के लिए निगम ने ही अभियान चलाया था। लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए छूट के साथ इनाम देने जैसी बातें भी कही थीं। इसीलिए अब तक 1 लाख 15 हजार खाताधारक टैक्स जमा कर चुके हैं। रेट जोन बदल जाने और टैक्स वृद्धि होने के कारण इन सबसे अब डिफरेंस राशि की वसूली होगी।
खाताधारकों पर दोहरा बोझ जानकारी है कि निगम की टैक्स बढ़ाने की योजना पहले से ही थी, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण प्रभावी हुई आचार संहिता और चुनाव पर टैक्स बढ़ाने से कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े, इसलिए यह कर वृद्धि नहीं की गई। अब चुनाव खत्म होने के बाद आमजन खाताधारकों पर दो तरफा बोझ बढ़ाया गया है।
ऐसा है तो रिव्यू करेंगे आपने यह विषय मेरी जानकारी में लाया है। मैं एक बार विभाग से वास्तविक जानकारी लेता हूं। यदि वाकई ऐसा हो रहा है तो इसे जो खाताधारकों के लिए आवश्यक होगा वही किया जाएगा। कैसे इसे बदला जा सकता है, जिसके लिए रिव्यू किया जाएगा।
शिवम वर्मा, नगर निगम आयुक्त