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एमपी के RPF जवान को अंतिम दर्शन करने उमड़े हजारों लोग, हर आंख हुई नम

MP News: मध्यप्रदेश के रीवा में आरपीएफ जवान को गार्ड आफ आनर के साथ अंतिम विदाई दी गई। सरकार की ओर से घोषणा की गई है कि जवान को शहीद का दर्जा दिया गया है।

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रीवा

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Himanshu Singh

Dec 05, 2025

rewa news

फोटो सोर्स- पत्रिका

MP News: मध्यप्रदेश के रीवा शहर में उस वक्त माहौल गमगीन हो गया। जब यहां के निवासी आरपीएफ जवान पीके मिश्रा का शव जब उनके निवास पर लाया गया, तो वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गई। नजदीकी परिजनों की सिसकियों और रुदन के बीच विभाग की ओर से आए पुलिसकर्मियों ने तिरंगे में लिपटे शव को सलामी दी।

दरअसल, छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में पदस्थ पीके मिश्रा को मंगलवार-बुधवार की रात ड्यूटी के दौरान उनके ही सहकर्मी प्रधान आरक्षक केएस लदेर ने गोली मार दी थी। मिश्रा की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना की सूचना बुधवार को उनके परिजनों को दी गई। गुरुवार को छत्तीसगढ़ से आरपीएफ के वाहन में ही उनका शव लेकर विभागीय कर्मचारी रीवा आए। उनके निवास पर परिजनों के साथ ही अन्य लोगों की भीड़ जमा हो गई।

शहीद का दर्जा देने की घोषणा

अंतिम संस्कार से पहले पुलिस ने तिरंगे में लिपटे उनके शव को परंपरागत सलामी दी और पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित किया गया। इसके बाद परिजनों ने पारंपरिक रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार किया। इस दौरान स्थानीय पुलिस ने भी उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। दिवंगत पीके मिश्रा को शहीद का दर्जा देने की घोषणा सरकार की ओर से की गई है। इस घटना के पीछे की वजह अभी सामने नहीं आई है। रायगढ़ की पुलिस के साथ ही जीआरपी और आरपीएफ की ओर से इसकी जांच की जा रही है।

बड़ी संख्या में जुटे लोग

मृतक पीके मिश्रा का पार्थिव शरीर जैसे ही उनके घर लाया गया, परिवार के साथ ही आसपास के बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए। पूरे मोहल्ले में मातम छा गया। तिरंगे में लिपटे पीके मिश्रा को लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। बताया गया है कि परिवार में एक बेटा और एक बेटी है। बेटा हैदराबाद में इंजीनियरिंग कर रहा है जबकि बेटी रायगढ़ में कक्षा 11वीं की छात्रा है। घटना की सूचना पर उनके परिवार और रिश्तेदार भी रीवा पहुंच गए हैं।

पीके और आरोपी दोनों घनिष्ठ मित्र थे

रीवा आए आरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि मृतक और आरोपी दोनों एक ही पैच के थे। ट्रेनिंग साथ करने के बाद दोनों की पोस्टिंग अलग-अलग थी, पर रायगढ़ आने के बाद चार साल से साथ ड्यूटी कर रहे थे। दोनों के बीच गहरी दोस्ती थी और एक-दूस दूसरे को मितान कहकर बुलाते थे। अचानक हुए इस घटनाक्रम के कारण सभी हतप्रभ है। अंतिम समय में प्रधान आरक्षक केएस लदेर के हाथ में पिस्टल देखी गई थी। इस बारे में रायगढ़ पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि कारण सामने आ सके।