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खराब सामग्री से हो रहा नाली का निर्माण, गुणवत्ता का नहीं रखा जा रहा ध्यान

खन्नौधी में 15वें वित्त से किए जा रहे नाली निर्माण में लीपापोती

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खन्नौधी में 15वें वित्त से किए जा रहे नाली निर्माण में लीपापोती
शहडोल
. ग्राम पंचायत खन्नौधी में 15वें वित्त से नाली निर्माण कराया जा रहा है। बारिश के पूर्व पानी निकाली की समुचित व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए नाली निर्माण का कार्य प्रारंभ किया गया है। निर्माण कार्य के साथ ही इसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। नाली निर्माण कार्य गांव के सबसे निचले स्तर पर कराया जा रहा है। यहां लगभग आस-पास के 1 किमी क्षेत्र का पानी सिमट कर आता है। इस पानी निकासी के लिए बनाई जा रही नाली में निर्माण के सभी मापदण्डो को दरकिनार कर कार्य कराया जा रहा है। जानकारों की माने तो नाली निर्माण में सबसे नीचे 40 मिमी की गिट्टी से ढलाई होनी चाहिए। जमीन में ही जाल बिछा कर ढलाई की जा रही है, जाल में लगभग 8 से 9 इंच के बीच रिंग डालना चाहिए। वहीं नाली में लगभग दो-दो फिट की दूरी पर रिंग डाली जा रही है। रिंग के बगल में तीन तीन सरिया 12 मिमी का बांधना होता है लेकिन इसमें एक भी सरिया का उपयोग नहीं किया गया। जमीन की सतह में लगभग 4 इंच की मोटी ढलाई होनी चाहिए लेकिन 1 इंच मोटाई में ही ढलाई की जा रही है। नाली के दोनों ओर खड़ी दीवाल की मोटाई लगभग 5 से 6 इंच होनी चाहिए जिसे कहीं 2 इंच कहीं 3 इंच तो कहीं ज्यादा से ज्यादा 4 इंच में ढाला जा रहा है। नाली की गहराई एक समान लगभग 50 सेमी होनी चाहिए लेकिन दीवारों की मोटाई में भी एक समानता नहीं है। इसके अलावा निर्माण कार्य में उपयोग की जा रही सामग्री को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि निर्माण कार्य में नाममात्र की सीमेंट का उपयोग किया जा रहा है। मिट्टी मिली रेत से निर्माण कार्य कराया जा रहा है। निर्माण कार्य के मानकों को दरकिनार कर नाली निर्माण कार्य कराया गया है।