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एथेनॉल प्लांट की शुरुआत, हरित ऊर्जा और ग्रामीण समृद्धि की नई पहल

आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम होगी, विदेशी मुद्रा की बचत होगी

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— आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम होगी, विदेशी मुद्रा की बचत होगी

जयपुर. तहसील गनोदा के ग्राम नगदाला, जिला बांसवाड़ा में प्रस्तावित 200 किलो लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले एथेनॉल प्लांट के भूमि पूजन किया गया, जो अथाह पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड द्वारा स्थापित किया जा रहा है। यह परियोजना भारत सरकार की एथेनॉल ब्लेंडिंग नीति के अनुरूप पेट्रोल में एथेनॉल मिश्रण बढ़ाने के लक्ष्य को सशक्त करेगी, जिससे देश की आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता कम होगी, विदेशी मुद्रा की बचत होगी, तथा किसानों को उनकी फसलों का औद्योगिक व वैल्यू-एडेड उपयोग सुनिश्चित होगा। यह प्लांट किसानों को मक्का, अनाज एवं अन्य कृषि-आधारित फसलें सीधे उद्योग में आपूर्ति करने का अवसर देगा, जिससे उनकी आय में स्थायी व नियमित बढ़ोतरी होगी, साथ ही बांसवाड़ा जिले में प्रत्यक्ष व परोक्ष मिलाकर सैकड़ों नए रोजगार सृजित होंगे। भूमि पूजन समारोह में जिले के सम्मानित जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय किसान, ग्रामीणजन व उद्योग जगत से जुड़े अनेक अतिथि उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में कंपनी के निदेशक शुभम सौरभ, युधिष्ठिर पूनिया, आकाश पूनिया और विश्वजीत सिंह उपस्थित रहे, साथ ही वरिष्ठ सदस्यों भागीरथ पूनिया एवं दयाराम पूनिया की उपस्थिति भी रही। इस अवसर पर निदेशक शुभम सौरभ ने कहा कि यह संयंत्र केवल औद्योगिक निवेश नहीं, बल्कि किसानों, युवाओं और पर्यावरण—तीनों को जोड़ने वाले त्रिस्तरीय विकास मॉडल का प्रारंभ है, और हमारा लक्ष्य है कि बांसवाड़ा को एथेनॉल-आधारित हरित ऊर्जा जिले के रूप में राष्ट्रीय मानचित्र पर स्थापित किया जाए। यह प्लांट पेट्रोल पर आयात निर्भरता कम करते हुए किसानों के लिए स्थायी वैकल्पिक बाज़ार तैयार करेगा। हर टन फसल अब सिर्फ मंडी में नहीं, बल्कि ऊर्जा उत्पादन का आधार बनेगी।
निदेशक आकाश पूनिया ने बताया कि संयंत्र आधुनिकतम तकनीक से निर्मित होगा, जिसमें जल पुनर्चक्रण, प्रदूषण-नियंत्रण और शून्य-डिस्चार्ज पॉलिसी का पालन किया जाएगा, और स्थानीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण एवं रोजगार दिया जाएगा। हमारा उद्देश्य केवल एक उत्पादन इकाई बनाना नहीं, बल्कि इस क्षेत्र में दीर्घकालिक औद्योगिक-कृषि समन्वय और ग्रामीण समृद्धि का मॉडल विकसित करना है।