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सप्ताह भर बाद भी किसानों की समस्याओं का नहीं हो पाया निराकरण

किसानों ने अपर कलेक्टर से की मुलाकात, दिया आवेदन किसानों का सही स्थान पर पंजीयन करवाए जाने की मांग सेवा सहकारी समिति मर्यादित लिंगा का मामला बालाघाट लिंगा के बजाय बैहर लिंगा वनग्राम में दर्शा रहा है किसानों का पंजीयन समर्थन मूल्य पर धान के विक्रय को लेकर किसानों का सता रहा भय

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किसानों ने अपर कलेक्टर से की मुलाकात, दिया आवेदन

किसानों ने अपर कलेक्टर से की मुलाकात, दिया आवेदन

बालाघाट. जिले के सेवा सहकारी समिति मर्यादित हट्टा लिंगा के किसानों की समस्याओं का सप्ताह भर बाद भी निराकरण नहीं हो पाया है। परेशान किसानों ने जनप्रतिनिधियों के साथ बुधवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपर कलेक्टर डीएस धुर्वे को आवेदन दिया है। शीघ्र ही समस्या का निराकरण किए जाने की मांग की है।
किसानों से साथ पहुंचे कृषि सभापति ओमकार राणे ने बताया कि बालाघाट जनपद क्षेत्र की सेवा सहकारी समिति लिंगा में पंजीयन कराने वाले सैकड़ो किसानों का पंजीयन 70 से 75 किमी दूर बैहर तहसील के वनग्राम लिंगा के नाम से हो रहा है। हैरानी की बात ये भी है कि पंजीयन पोर्टल से बालाघाट का लिंगा ग्राम ही गायब है। परिणाम स्वरूप लिंगा के सैकड़ों किसान ही नहीं बल्कि सोसायटी के अधिकारी-कर्मचारी भी असमंजस की स्थिति में है। आने वाले समय में स्लॉट बुक करने, खरीदी, भुगतान जैसी प्रक्रिया को लेकर किसानों में संशय की स्थिति बनी हुई है।

किसानों को उठानी पड़ेगी परेशानी
किसान संजय लिल्हारे ने बताया कि उन्होंने लिंगा सोसायटी में पंजीयन करवाया तो जिला बालाघाट तो दिखा रहा है, लेकिन तहसील बैहर शो हो रहा है। उनके समक्ष दुविधा खड़ी हो गई है कि उनकी उपज वे लिंगा सोसायटी में ही विक्रय कर पाएंगे या उन्हें 70 से 75 किमी दूर बैहर जाना पड़ेगा। इसी तरह किसान तेजलाल लिल्हारे पंजीयन के नाम पर छलवा किए जाने के आरोप लगाते हुए पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र इसी तरह की स्थिति का पटाक्षेप किए जाने की मांग की है।

वर्सन
किसानों का यह मामला हमारे संज्ञान में पहले से है। आज किसानों ने आवेदन दिया है, जिसे खाद् विभाग में फारवर्ड किया गया है। किसानों का सही पंजीयन हो व उन्हें परेशानी न हो इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
डीएस धुर्वे, अपर कलेक्टर