
Farmers Movement
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर देशभर में किसान पिछले 2 महीनों से धरना- प्रदर्शन कर रहे है। किसान पिछले कुछ दिनों से आंदोलन के नाम पर हिंसक प्रदर्शन कर रहे है। किसी अनहोन से बचने के लिए मोदी सरकार और प्रशासन ने किसान आंदोलन पर सख्त नजर आ रहा है। जहां किसान आंदोलन उग्र होने वाला है वहां पर सरकार ने इंटरनेट पर पांबंदी लगा दी है, ताकि आंदोलन के बारे सोशल मीडिया पर ज्यादा चर्चा ना हो। लेकिन यह मुद्दा अब अंतरराष्टत्रीय स्तर पर उठ चुका है। कई विदेशी सेलिब्रिटीज किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है। अमेरिकी पॉप सिंगर रिहाना, सोशल एक्टिविस्ट ग्रेटा थर्नबर्ग और पूर्व पोर्न मिया खलीफा ने भारतीय किसानों का समर्थन किया है। इसके साथ ही उन्होंने इंटरनेट पर बैन को गलत बनाया है। रिहाना एंड कंपनी के खिलाफ भारतीय क्रिकेटर्स आगे आए है। उन्होंने कहा कि संप्रभुता से खिलवाड़ नहीं, भारत पर फैसला भारतीय लेंगे।
देश की संप्रभुता से समझौता नहीं : सचिन तेंदुलकर
किसान आंदोलन को लेकर भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने ट्वीट के जरिए अपनी राय रखी और लोगों ने एक जुट रहने की बात कही है। तेंदुलकर ने ट्वीट में लिखा, भारत की संप्रभुता से किसी भी तरह से समझौता नहीं किया जा सकता है, बाहरी ताकतें इसे देख सकती है लेकिन इसमें प्रतिभागी नहीं बन सकती है। भारतीय भारत को जानते हैं और भारत के लिए फैसला कर सकते हैं। आईए एक देश के तौर पर हम एक रहते हैं।
देश के किसानों पर गर्व : प्रज्ञान ओझा
क्रिकेटर प्रज्ञान ओझा ने भी रिहाना के ट्वीट के बाद अपनी राय दी है। ओझा ने लिखा, मेरा देश हमारे किसानों पर गर्व करता है और जानता है कि वे कितने महत्वपूर्ण हैं। मुझे विश्वास है कि इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। हमें हमारे अंदरूनी मामलों में किसी बाहरी व्यक्ति को नाक घुसेड़ने की जरूरत नहीं है।
विदेशी हस्तियां किसानों आंदोलन से दूर : सुरेश रैना
पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की और विदेशी हस्तियों को किसान आंदोलन पर किसी तरह के कॉमेंट नहीं करने की सलाह दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, हम एक देश के रूप में आज के मुद्दों को हल करने के लिए और कल के रूप में अच्छी तरह से हल करने के लिए मुद्दे होंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम एक विभाजन बनाते हैं या बाहरी ताकतों से परेशान हो जाते हैं। सब कुछ सौहार्दपूर्ण और निष्पक्ष बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है।
टिप्पणी से पहले तथ्यों की जांच- परख की जानी चाहिए : विदेश मंत्रालय
वहीं, विदेश मंत्रालय ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रदर्शन के बारे में जल्दबाजी में टिप्पणी से पहले तथ्यों की जांच-परख की जानी चाहिए और सोशल मीडिया पर हैशटैग तथा सनसनीखेज टिप्पणियों की ललक न तो सही है और न ही जिम्मेदाराना है।
Published on:
04 Feb 2021 08:22 am
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